नई दिल्ली: ज़ी हिन्दुस्तान की स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम ने राजधानी दिल्ली के दक्षिण पश्चिम ज़िले में एक स्टिंग ऑपरेशन किया, जिसमें ये खुलासा हुआ कि कृषि की जमीन में अवैध तरीके से प्लॉटिंग कर के कॉलोनी बनाई जा रही है. अवैध तरीके से घरों का निर्माण हो रहा है और इसमें सरकारी महकमों के कई अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं.
दिल्ली भूमि सुधार एक्ट के तहत कृषि जमीन पर कोई भी निर्माण नहीं किया जा सकता, न ही 8 एकड़ से कम ऐसी जमीनों को बेचा जा सकता है, न ही ऐसी जमीनों का लैंड यूज बदला जा सकता है. लेकिन कानून को धता बताकर रिश्वतखोरी के जरिए राजधानी दिल्ली में खेती की जमीन पर कॉलोनियां बनाई जा रही हैं और पावर ऑफ अटॉर्नी कर के लोगों को बेचा भी जा रहा है.
नजफगढ़ एसडीएम ऑफिस
इस ऑपरेशन में दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार करते हुए पाए गए. नजफगढ़ के एसडीएम कार्यालय में नायब तहसीलदार मिथिलेश मिश्रा ने हमारे अंडर कवर रिपोर्टर से जमीन पर बाउंड्री कराने की अनदेखी करने के लिए 50-50 हजार रुपये घूस की डिमांड की. सादे कागज पर रकम लिखकर लाया था और इसे रिश्वत की पहली किश्त बता रहा था. इससे पहले उसने ये तक कहा था कि इतनी भी रिश्वत नहीं लेंगे कि आपको अपनी किडनी बेचनी पड़े.
मिथिलेश मिश्रा ने खुफिया कैमरे पर ये भी कहा कि अगर उसे रिश्वत मिल गई तो नजफगढ़ एसडीएम ऑफिस से उनकी जमीन पर कोई नहीं जाएगा और बाकी विभागों का नहीं पता.
कापसहेड़ा एसडीएम ऑफिस
यहां एक पटवारी जिसका नाम है परविंदर तोमर, उसका स्टिंग ऑपरेशन किया गया जो बिल्डर बने हमारे अंडर कवर रिपोर्टर से एक दलाल के जरिए नई कॉलोनी बनाने के लिए प्रति एकड़ 15 लाख रूपए की डिमांड करता है.
एमसीडी का क्षेत्रीय ऑफिस, नजफगढ़
यहां असिस्टेंट इंजीनियर (बिल्डिंग), नजफगढ़ विमल नारायण ने खुफिया कैमरे पर ये कबूल करते हुए पाए गए कि एमसीडी की जानकारी में है कि अवैध रूप से कृषि की भूमि पर अवैध कॉलोनी बन रही है, लेकिन ये कह रहे हैं कि पहले एसडीएम से जमीन सुरक्षित करें, फिर हमारे पास आएं.
छावला थाना, दिल्ली
यहां के दो कॉन्सटेबल, सतीश और प्रदीप प्रॉपर्टी के दलाल के तौर पर काम करते हुए पाए गए और खुफिया कैमरे पर तस्दीक की कि थाने पर 11 लाख रूपए दिए जाते हैं. ये दोनों कॉन्सटेबल अपने-अपने प्रॉपर्टी डीलर से अवैध कॉलोनी में ज़मीन लेने की सलाह भी दे रहे हैं.
जनप्रतिनिधि
छावला के वार्ड नं. 34s नंगली सक्रावती की कांग्रेस पार्षद संतोष सुखबीर शौकीन के पति सुखवीर शौकीन का स्टिंग ऑपरेशन है, जो खुद भी एक कांग्रेस नेता हैं और अपनी पत्नी का ज़्यादातर काम खुद देखते हैं.
ये भी इस इलाके में प्रॉपर्टी डीलर के तौर पर काम करते हैं और खुफिया कैमरे में साफ तौर पर ये कहते हुए पाए जा रहे हैं कि ऐसी कॉलोनी के लिए 5 लोगों या विभागों को रिश्वत देनी होती है - दिल्ली पुलिस, MLA, DDA, MCD और दिल्ली सरकार के अधिकारी जैसे डीसी, पटवारी, तहसीलदार, एसडीएम. सुखबीर शौकीन अपने भाई दीवान सिंह शौकीन के साथ मिलकर काम करते हुए पाया गया, दीवान शौकीन ने बकायदा प्लॉट भी दिखाया और ये भी दावा किया गया कि MLA भी पैसे लेकर काम करते हैं, जैसे बिजली का कनेक्शन दिलाते हैं.
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