पाकिस्तानी बर्बरता के निशान लिए 15 साल बाद घर लौटा बुजुर्ग
15 साल से लापता बिहार के एक शख्स की वापसी होने जा रही है. पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें भारतीय सीमा सुरक्षा बल के जवानों को सौंप दिया है.
नई दिल्ली: बिहार के रामचन्द्र 15 सालों से लापता हैं. उनके परिवार वालों को उनकी कोई जानकारी नहीं थी लेकिन अब पता चला है कि वे पाकिस्तान के चंगुल में फंसे हुए थे और भारतीय होने के कारण पाकिस्तान ने उन्हें बहुत शारीरिक यातनाएं दी. पाकिस्तान के सैनिकों की बर्बरता के निशान उनके शरीर पर हैं. पाकिस्तान रेंजर्स ने रामचन्द्र को भारतीय BSF को सौंप दिया है. अब उनकी वतन वापसी होने जा रही है.
15 साल से लापता थे बिहार के रामचन्द्र
आपको बता दें कि बिहार के नवादा जिले के निवासी रामचन्द्र 15 सालों से घर से गायब हैं. गुरदासपुर जिले के कलानौर क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात बीएसएफ की 89 बटालियन के साथ कुछ समय पहले फ्लैग मीटिंग में पाक रेंजरों ने भारतीय बुजुर्ग के पकड़े जाने की जानकारी दी थी. बता दें कि रामचन्द्र के तीन बेटे और दो बेटियां हैं. जिस समय रामचंद्र लापता हुए थे, उनका छोटा बेटा महज दो महीने का था.
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पाकिस्तान ने किया बर्बरतापूर्ण अत्याचार
उल्लेखनीय है कि बीएसएफ सहित सुरक्षा एजेंसियों ने तीन दिन तक अटारी बॉर्डर चौकी में ही रामचंद्र से पूछताछ की है. बताया जा रहा है कि रामचंद्र की मानसिक हालत ठीक नहीं है. उनकी हालत देखकर लगता है कि वह लंबे समय से पाक रेंजरों के कब्जे में थे और उन लोगों ने उन्हें बाहर यातनाएं दी हैं. उनके शरीर पर कई ऐसे निशान हैं जो बर्बरतापूर्ण अत्याचार की निशानी हैं.
आपको बता दें कि परिवार वालों को जब रामचन्द्र के जीवित होने का पता चला तो पूरा परिवार खुशी से झूम उठा. बीएसएफ के गुरदासपुर सेक्टर के डीआइजी राजेश शर्मा का कहना है कि पाक रेंजरों ने रामचंद्र यादव को अटारी बॉर्डर पर 89 बटालियन को सौंपा है और पूछताछ के बाद उन्हें पुलिस को सौंप दिया है. अब पुलिस रामचन्द्र को उनके परिजनों के सुपुर्द करेगी.