नई दिल्ली: शाहीनबाग के प्रदर्शकारियों के सड़क जाम के कारण कालिंदी कुंज मार्ग बंद होने की वजह से आम लोगों का बुरा हाल है. पिछले 40 दिनों से सरिता विहार की सड़क बंद पड़ी हुई है. बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं. लोगों को अपने काम काज पर जाने में परेशानी हो रही है. बीमार अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. इससे नाराज होकर अब स्थानीय लोगों ने शाहीन बाग के समाज विरोधी तत्वों के खिलाफ आवाज उठाने का फैसला किया है. 


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सरिता विहार के लोग उतरेंगे सड़क पर 
शाहीन बाग के प्रदर्शन की वजह से परेशान सरिता विहार के लोग भी सड़क पर उतरने की योजना बना रहे हैं. खबर है कि इसके लिए 2 फरवरी का दिन तय किया गया है. इस तारीख को सरिता विहार और जसोला गांव के लोग अपनी कॉलोनी से शाहीन बाग तक प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं. 


यहां के लोग दसाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से आजिज आ चुके हैं. ये लोग अपने रोजमर्रा के काम के लिए इसी सड़क का इस्तेमाल करते थे. लेकिन पिछले 40 दिनों से उनके सभी जरुरी काम ठप पड़े हुए हैं. इन लोगों के साथ बदसलूकी की जाती है. लेकिन अभी तक स्थानीय लोगों ने एकजुट होकर शाहीन बाग के प्रदर्शकारियों का विरोध नहीं किया था. लेकिन अब उनके सब्र का बांध टूट गया है. 


पुलिस को दे चुके हैं अल्टीमेटम
ऐसा नहीं है कि सरिता विहार के लोगों ने अचानक ही विरोध प्रदर्शन की योजना बना ली है. इसके लिए उन्होंने बकायदा पुलिस को अल्टीमेटम भी दिया है. उन्होंने पुलिस से मांग की है कि उनकी परेशानी को देखते हुए बंद सड़क को खुलवाया जाए. क्योंकि पिछले 40 दिनों से सड़क ठप होने से उनकी जिंदगी ठप पड़ गई है. 



सरिता विहार इलाके के एसीपी अजब सिंह हैं. वहां के लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अजब सिंह से मुलाकात करके उनसे मांग की है कि या तो पुलिस शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को खदेड़कर वहां का रास्ता खुलवाए. अन्यथा वह लोग भी 2 फरवरी से सड़क पर उतर आएंगे. 


संघर्ष की स्थिति आ सकती है 
शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों ने अपना जमावड़ा इकट्ठा कर लिया है. लेकिन स्थानीय लोग भी अपनी जायज मांगों को लेकर सड़क पर उतरने की योजना बना रहे हैं. ऐसा हुआ तो इस इलाके में संघर्ष की स्थिति पैदा हो सकती है. 


हालांकि सरिता विहार के लोगों का कहना है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से सड़क खोले जाने की अपनी मांग रखेंगे. क्योंकि अगर शाहीन बाग के प्रदर्शकारियों को अपनी मांगें रखने का अधिकार है, तो संविधान ने उन्हें भी यह हक दिया है.  लेकिन जब दोनों गुट आमने सामने आएंगे, तो अमन की ये दुहाई कितने काम आएगी. इसपर भारी संदेह है. 


झूठे और मक्कार हैं शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलकर जरुरतमंदों के लिए सड़क पर ट्रैफिक के लिए खोल देने का भरोसा दिया था. लेकिन उन्होंने अपने वादे पर अमल नहीं किया और सड़क अभी तक जाम ही है. इस बात से भी सरिता विहार और जसोला गांव के लोग बेहद नाराज हैं. 


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