शाहीन बाग प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे दिग्विजय सिंह

देश की राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में पिछले 35 से ज्यादा दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन से दिल्ली के लोगों को खासा परेशानी हो रही है. इसके बावजूद नेताओं को अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने से फुरसत नहीं मिल रही है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 20, 2020, 11:47 PM IST
    • रोज रोज की जाम से जनता हो रही परेशान
    • प्रदर्शन के लिये मिलता है 500-500 रूपये
    • करीब एक महीने से बंद हैं रास्ते
शाहीन बाग प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे दिग्विजय सिंह

दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में पिछले 35 से ज्यादा दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन से दिल्ली के लोगों को खासा परेशानी हो रही है. इसके बावजूद नेताओं को अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने से फुरसत नहीं मिल रही है. कांग्रेस के कई नेता इसे हवा दे रहे हैं. इसी क्रम में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपनी पत्नी के साथ वहां पहुंच गये. दिल्ली हाईकोर्ट ने कालिंदी कुंज-शाहीन बाग के बीच बंद रास्ते को खुलवाने की मांग वाली अर्जी पर सरकार से कहा था कि वो इस मामले में उचित कार्रवाई करे.

रोज रोज की जाम से जनता हो रही परेशान

दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में हो रहे प्रदर्शन की वजह से एक तरफ 10 लाख से ज्यादा लोग पिछले 33 दिनों से लगभग हर दिन ट्रैफिक जाम से जूझने को मजबूर हैं. जबकि, शाहीन बाग में दिल्ली को बेबस करने वाले प्रदर्शनकारी आराम फरमा रहे हैं. कोई क्रिकेट खेलने में, कोई गिल्ली डंडा खेलने में, तो कोई बिरयानी खाने में जुटा हुआ है. नेता अपनी राजनीति चमका रहे हैं.

प्रदर्शन के लिये मिलता है 500-500 रूपये

BJP ने दावा किया है कि शाहीन बाग में सिर्फ 500-500 रूपये भाड़े पर प्रदर्शन के लिये पहुंच रही है. इस वीडियो में लड़का कहता सुनाई दे रहा है कि 500-700 रूपये बंट रहे हैं उनके, और इनकी शिफ्ट चेंज होती है. संबित पात्रा ने ट्वीट करके लिखा कि कश्मीर में 500₹ में पत्थरबाज़ी कराते थे शहीन बाग में 500₹ में बगावत कारते है. ये कौन है जो चंद रुपयों के लिए बेबस हिंदुओं, सिखों, जैनियों, बौध और ईसाइयों के पीड़ा को नजरअन्दाज कर केवल अपने जेबों की चिंता करते है?

करीब एक महीने से बंद हैं रास्ते

कालिंदी कुंज-शाहीन बाग का रास्ता पिछले करीब एक महीने से बंद है. दिल्ली नोएडा और फरीदाबाद से जुड़े इस महत्वपूर्ण रास्ते के बंद होने से लाखों लोगों को परेशानी उठाने पड़ रही है. दिल्ली का ये रास्ता नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन की वजह से 15 दिसंबर से बंद है. इसका असर ये है कि इसके आसपास रहने वाले लोग 1 महीने से अलग-अलग रास्तों से जाने के लिए मजबूर है.

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