दिल्ली: ज़ी मीडिया के खुलासे से PFI सदमें में है और उसे समझ में नहीं आ रहा है कि इतनी गंभीर जानकारी ज़ी मीडिया को कैसे मिल गयी. ZEE MEDIA ने ऐसे कई पर्दाफाश किए हैं. PFI के महासचिव मोहम्मद अली जिन्ना ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि CAA के विरोध को भड़काने के लिए PFI पर वित्तीय आरोपों की रिपोर्टों की हम निंदा करते हैं. रिपोर्ट्स में कहा गया था कि PFI से जुड़े 73 बैंक खातों के माध्यम से CAA के विरोध के लिए 120 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए थे. PFI ने कपिल सिब्बल को 77 लाख रुपये दिये थे. सिब्बल ने स्वीकार किया कि ये पेमेंट हादिया केस के लिए पीएफआई ने किया था.


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CAA पर हिंसा भड़काने में पैसे के लिया सहारा



 


आपको बता दें कि देश भर में नागरिकता कानून के विरोध के नाम पर जो हिंसा हुई उसमें ज़ी मीडिया को खबर मिली है कि पीएफआई के बैंक अकाउंट से देश के कई बड़े वकीलों को पैसे दिए गए. इनमें कपिल सिब्बल का नाम भी शामिल है. जांच के दौरान पीएफआई के कुल 73 बैंक खातों का पता चला है. जिनसे 120 करोड़ रुपये इधर से उधर किये गये. इस पैसे से देश के बड़े वकीलों को खरीदकर हिंसा के पक्ष में रहने के लिये दबाव बनाया गया.


हिंसा करवाने के नाम पर लिये लाखों रुपये


 


प्राप्त जानकारी के मुताबिक PFI के द्वारा जो हिंसा देश भर में कराई गयी, उसमें आरोपियों को बचाने के लिये कपिल सिब्बल समेत कई वकीलों को लाखों रुपये की फंडिंग की गयी. इस खुलासे के मुताबिक पीएफआई की तरफ से कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल को 77 लाख रुपये और अब्दुल समर (एनआईए की चार्जशीट में नाम) 3 लाख रुपये दिए गए थे. 


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भाजपा नेता ने की कठोर कार्रवाई की मांग


सूत्रों के हवाले से खबर है कि PFI के बैंक अकाउंट से देश के कई बड़े वकीलों को पैसे दिए गए. इनमें कपिल सिब्बल  का नाम भी शामिल है. इस मामले पर पूर्व एमपी विनय कटियार (Vinay Katiyar) ने कहा कि इस तरह पैसों का लेन-देन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. इस बात की पूरी जांच होनी चाहिए कि पैसों का लेन-देन कहां-कहां हुआ है? वही कपिल सिब्बल ने आरोपों को नकारा है.


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