PM Modi का मंत्र: परीक्षा को त्योहार की तरह करें इंज्वॉय, खेल भी जरूरी है

Pariksha Pe Charcha: पीएम नरेंद्र मोदी ने छात्रों से परीक्षा पे चर्चा की. इस मौके पर उन्होंने गुरू मंत्र देत हुए कहा कि 'परीक्षा को त्योहार की तरह इंज्वॉय करें, उन्होंने खेलों को जरूरी बताया.' इसके साथ ही परीक्षा पे चर्चा से पहले पीएम मोदी ने बच्चों की बनाई प्रदर्शनी को देखा. अच्छे काम के लिए पीएम ने एक छात्र से ऑटोग्राफ लिया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 1, 2022, 02:14 PM IST
  • पीएम मोदी ने छात्रों से की परीक्षा पे चर्चा
  • 'परीक्षा को त्योहारों की तरह इंज्वॉय करें'
PM Modi का मंत्र: परीक्षा को त्योहार की तरह करें इंज्वॉय, खेल भी जरूरी है

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वार्षिक ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान छात्रों के साथ बातचीत की और उन्हें परीक्षा को त्योहारों के तौर पर लेने की सलाह दी. प्रधानमंत्री ने तालकटोरा स्टेडियम में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच वहां मौजूद लोगों से कहा, ‘यह मेरा पसंदीदा कार्यक्रम है, लेकिन कोविड के कारण मैं आपसे नहीं मिल सका था. इससे मुझे काफी खुशी मिल रही है, क्योंकि मैं लंबे समय के बाद आपसे मिल रहा हूं.’

PM ने पूछा- कौन-कौन घबराया हुआ है?

परीक्षा पे चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने सवाल पूछते हुए कहा, ‘घबराया हुआ कौन है? आप या आपके माता-पिता? यहां अधिकतर लोगों के माता-पिता घबराए हुए हैं. अगर हम परीक्षा को त्योहार बना दें तो यह जीवंत बन जाएगा.’ प्रधानमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का देश के हर वर्ग ने तहे दिल से स्वागत किया है. गुजरात के वडोदरा के केनी पटेल ने पूछा कि सही तैयारी (रिवीज़न) और पर्याप्त नींद लेकर कोई भी पाठ्यक्रम कैसे पूरा किया जा सकता.

मोदी ने कहा, ‘आप इतने घबराए हुए क्यों हैं? आप पहली बार परीक्षा नहीं देंगे. अब आप आखिरी पड़ाव के करीब बढ़ रहे हैं. आपने पूरा समुद्र पार कर लिया है अब किनारे के पास आकर आपको डूबने का डर है?’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘हर विद्यार्थी को लगता है कि मुझे याद नहीं रहता है, ये मैं भूल गया. लेकिन आप देखेंगे कि एग्जाम के समय पर अचानक ऐसी चीजें निकलने लगेंगी के आप सोचेंगे कि मैनें तो कभी इस विषय को छुआ तक नहीं था, लेकिन अचानक सवाल आ गया और मेरा जवाब भी बहुत अच्छा रहा. मतलब वो कहीं न कहीं स्टोर था. इसलिए ध्यान को सरलता के साथ अपने जीवन के साथ आत्मसात कीजिए.’

पीएम ने दी खुद का एग्जाम लेने की सलाह

मोदी ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि 'ध्यान बहुत सरल है. आप जिस पल में हैं, उस पल को जीने की कोशिश कीजिए. अगर आप उस पल को जी भरकर जीते हैं तो वो आपकी ताकत बन जाता है. ईश्वर की सबसे बड़ी सौगात वर्तमान है. जो वर्तमान को जान पाता है, जो उसे जी पाता है, उसके लिए भविष्य के लिए कोई प्रश्न नहीं होता है.'

उन्होंने ये भी बोला कि 'कभी-कभी आप खुद का भी एग्जाम लें, अपनी तैयारियों पर मंथन करें, रीप्ले करने की आदत बनाएं, इससे आपको नई दृष्टि मिलेगी. अनुभव को आत्मसात करने वाले रीप्ले बड़ी आसानी से कर लेते हैं, जब आप खुले मन से चीजों से जुड़ेंगे तो कभी भी निराशा आपके दरवाजे पर दस्तक नहीं दे सकती.'

PM ने बोला कि 'जिस चीज में आपको आनंद आता है, आपको उसके लिए अपने आप को कम से कम एडजस्ट करना पड़ता है, वो रास्ता छोड़ने की जरूरत नहीं है, लेकिन उस कंफर्ट अवस्था में भी आपका काम है आपकी पढ़ाई, maximum outcome उसमें से आपको जरा भी हटना नहीं है.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'कॉम्पिटिशन को हमें जीवन की सबसे बड़ी सौगात मानना चाहिए. अगर कॉम्पिटिशन ही नहीं है तो जिंदगी कैसी. सच में तो हमें कॉम्पिटिशन को invite करना चाहिए, तभी तो हमारी कसौटी होती है, कॉम्पिटिशन जिंदगी को आगे बढ़ाने का एक अहम माध्यम होता है, जिससे हम अपना evaluation भी कर सकते हैं.'

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शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा पिछले चार वर्षों से ‘परीक्षा पे चर्चा’ का आयोजन किया जा रहा है. पहले तीन बार इसे दिल्ली में एक ‘इंटरैक्टिव टाउन-हॉल’ प्रारूप में आयोजित किया गया था. चौथा संस्करण पिछले साल सात अप्रैल को ऑनलाइन आयोजित किया गया था.

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