GNCTD Bill: राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन संशोधन विधेयक को मंजूरी दी

 दिल्ली विधानसभा में पारित विधान के परिप्रेक्ष्य में ‘‘सरकार’’ का आशय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के ‘‘उपराज्यपाल’’ से होगा और शहर की सरकार को किसी भी कार्यकारी कदम से पहले उपराज्यपाल की सलाह लेनी होगी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 29, 2021, 02:01 PM IST
  • लोकसभा में इस विधेयक को 22 मार्च को पारित किया गया
  • राज्यसभा में 24 मार्च को पारित किया गया GNCTD बिल
GNCTD Bill: राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन संशोधन विधेयक को मंजूरी दी

नई दिल्लीः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को एक विधेयक को मंजूरी प्रदान की जो दिल्ली के उप राज्यपाल को निर्वाचित सरकार पर प्रमुखता देता है.

केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021 को मंजूरी दिए जाने के संबंध में एक गजट अधिसूचना जारी करके इसकी घोषणा की.

22 मार्च को लोकसभा में पारित हुआ था विधेयक
इसके मुताबिक, दिल्ली विधानसभा में पारित विधान के परिप्रेक्ष्य में ‘‘सरकार’’ का आशय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के ‘‘उपराज्यपाल’’ से होगा और शहर की सरकार को किसी भी कार्यकारी कदम से पहले उपराज्यपाल की सलाह लेनी होगी.

लोकसभा में इस विधेयक को 22 मार्च और राज्यसभा में 24 मार्च को पारित किया गया था.

सीएम केजरीवाल ने जताई थी आपत्ति
विधेयक के राज्यसभा में पारित होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे लोकतंत्र के लिए ‘‘दुखद दिन’’ करार दिया था.

वहीं, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा था कि इस संशोधन का मकसद मूल विधेयक में जो अस्पष्टता है उसे दूर करना है ताकि इसे लेकर विभिन्न अदालतों में कानून को चुनौती नहीं दी जा सके.

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सुप्रीम कोर्ट के 2018 में दिए गए फैसले का दिया था हवाला
सीएम केजरीवाल ने उच्चतम न्यायालय के 2018 के एक आदेश का हवाला भी दिया था, जिसमें कहा गया है कि उपराज्यपाल को सभी निर्णयों, प्रस्तावों और एजेंडा की जानकारी देनी होगी. यदि उपराज्यपाल और मंत्रिपरिषद के बीच किसी मामले पर विचारों में भिन्नता है तो उपराज्यपाल उस मामले को राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं.


रेड्डी ने कहा था कि इस विधेयक को किसी राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं लाया गया है और इसे पूरी तरह से तकनीकी आधार पर लाया गया है.

उपराज्यपाल को यह शक्तियां
विधेयक में यह सुनिश्चित करने का प्रस्ताव किया गया है कि उपराज्यपाल को आवश्यक रूप से संविधान के अनुच्छेद 239क के खंड 4 के अधीन सौंपी गई शक्ति का उपयोग करने का अवसर मामलों में चयनित प्रवर्ग में दिया जा सके.

विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि उक्त विधेयक विधान मंडल और कार्यपालिका के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों का संवर्द्धन करेगा तथा निर्वाचित सरकार एवं राज्यपालों के उत्तरदायित्वों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के शासन की संवैधानिक योजना के अनुरूप परिभाषित करेगा.

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