प्रियंका, कमलनाथ, अरुण यादव के ट्विटर `हैंडलर` के खिलाफ FIR, MP सरकार पर लगाए थे भ्रष्टाचार के आरोप
एफआईआर इंडियन पैनल कोड की धारा 420 (धोखाधड़ी) और धारा 469 (ख्याति को नुकसान पहुंचाने के इरादे से जालसाजी) के तहत दर्ज की गई है. बीजेपी से जुड़े निमेष पाठक का आरोप है कि कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार में शामिल होने के झूठे आरोप वाले भ्रामक सोशल मीडिया पोस्ट साझा कर प्रदेश सरकार और उनकी पार्टी की छवि खराब की.
भोपाल/इंदौर. मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाली पोस्ट को लेकर इंदौर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. यह एफआईआर प्रियंका गांधी, कमलनाथ और अरुण यादव जैसे नेताओं ने ट्विटर हैंडलर यानी अकाउंट चलाने वालों पर दर्ज की गई है. मामले में बीजपी की तरफ से ग्वालियर में भी एफआईआर दर्ज कराई गई है.
प्रियंका के अकाउंट से लगाए गए आरोप
दरअसल प्रियंका गांधी के ट्विटर अकाउंटर से शुक्रवार को दावा किया गया था कि एमपी के ठेकेदारों के एक संघ ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर शिकायत की है कि उन्हें 50 प्रतिशत कमीशन देने के बाद ही भुगतान मिलता है. पोस्ट में आरोप लगाया था, ‘कर्नाटक की भ्रष्ट बीजेपी सरकार 40 प्रतिशत कमीशन वसूलती थी. मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार भ्रष्टाचार के अपने ही रिकॉर्ड को तोड़कर आगे निकल गई है. कर्नाटक की जनता ने 40 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया अब मध्य प्रदेश की जनता 50 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार को सत्ता से हटाएगी’
स्थानीय नेता कराई शिकायत
इस पोस्ट को लेकर बीजेपी की विधि प्रकोष्ठ की स्थानीय इकाई के संयोजक नीमेष पाठक ने शिकायत दर्ज कराई थी. निमेष का दावा है कि ज्ञानेंद्र अवस्थी नाम के व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर कथित रूप से फर्जी पत्र वायरल किया है, जिसमें ठेकेदारों से 50 प्रतिशत कमीशन मांगे जाने की बात लिखी गई है. अब इंदौर के पुलिस आयुक्त की विज्ञप्ति में कहा गया कि इस शिकायत पर शहर के संयोगितागंज पुलिस थाने में अवस्थी के साथ ही प्रियंका गांधी वाद्रा, कमलनाथ और अरुण यादव के ट्विटर खातों के ‘हैंडलर’ के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच की जा रही है.
इन धाराओं में दर्ज हुई है एफआईआर
एफआईआर इंडियन पैनल कोड की धारा 420 (धोखाधड़ी) और धारा 469 (ख्याति को नुकसान पहुंचाने के इरादे से जालसाजी) के तहत दर्ज की गई है. पाठक का आरोप है कि कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार में शामिल होने के झूठे आरोप वाले भ्रामक सोशल मीडिया पोस्ट साझा कर प्रदेश सरकार और उनकी पार्टी की छवि खराब की. अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने बताया कि पुलिस संबंधित ट्विटर हैंडल की प्रामाणिकता की जांच कर रही है.
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