सचमुच कांग्रेस की लुटिया डुबोने पर उतारू हैं प्रियंका गांधी वाड्रा

CAA और NRC को भुनाने और उसपर राजनीतिक रोटियां सेंकने के मकसद से कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पीएम मोदी के गढ़ वाराणसी पहुंची. जहां घाट पर कांग्रेसियों में 'वाद-विवाद' सामने आ गया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 10, 2020, 09:05 PM IST
    1. कांग्रेस ने बनाया 'संक्षिप्त' टूर पैकेज
    2. प्रियंका का CAA विरोधियों से संवाद
    3. घाट पर कांग्रेसियों में 'वाद-विवाद'
    4. भाजपा ने प्रियंका को सुनाई खरी-खोटी
सचमुच कांग्रेस की लुटिया डुबोने पर उतारू हैं प्रियंका गांधी वाड्रा

नई दिल्ली: कांग्रेस राजनीति का नया पड़ाव काशी है, जिसके तहत राष्ट्रीय़ महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा नागरिकता संशोधन बिल पर उठाए अपने बवंडर में तिनके चुनने पहुंची थीं. कहने को प्रियंका ये दौरा संक्षिप्त था. लेकिन इस दौरे में जल्दी जल्दी कई सांकेतिक दौर निपटाए गए.

कांग्रेस ने बनाया 'संक्षिप्त' टूर पैकेज

काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा विश्वनाथ के दर्शन से लेकर संत रविदास मंदिर पहुंचने और नागरिकता संशोधन कानून की अफवाह में सड़कों पर उतरे अपने कार्यकर्ताओं से मुलाकात तक. सब समेटकर कांग्रेस ने प्रियंका गांधी के लिए एक टूर पैकेज बना दिया था.

अपने काशी दौरे पर सुबह करीब 10.20 बजे प्रियंका गांधी, लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट पहुंची. इसके बाद संत रविदास मंदिर में प्रियंका ने पूजन अर्चन किया और फिर नाव में बैठकर पंचगंगा घाट पहुंची. यहां पहले से मौजूद कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. और फिर काशी विश्वनाथ के दर्शन कर एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गईं.

करीब तीन घंटे का कार्यक्रम

प्रियंका गांधी का पीएम मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में कुल करीब तीन घंटे का कार्यक्रम था. तीन घंटे में राजनीति के मंजिल तय करने के बीच कई पड़ाव थे. लेकिन कांग्रेस की सियासी कहानी पंचगंगा घाट से शुरू होती है.

पंचगंगा घाट पर प्रियंका की नीति

बीएचयू के एक गुट के कुछ छात्रों से संवाद की जगह पंचगंगा घाट थी. यहां प्रियंका उन लोगों से बात की, जिनको पुलिस ने नागरिकता कानून के विरोध में हिरासत में लिया था. प्रदर्शनकारियों ने प्रियंका के सामने अपनी बातें रखीं. दरअसल, कांग्रेस की कोशिश इसी राजनीतिक लकीर के जरिए अपनी सियासत नापने की है.

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जिस तरह से झूठ और अफवाह फैलाई गई उससे देश के कई हिस्से जले थे. लेकिन, बनारस बचा रहा था. हालांकि हवा यहां पर भी खराब करने की कोशिश की गई थी. लेकिन प्रशासनिक मुस्तैदी और लोगों की जागरूकता की वजह से माहौल बिगड़ने से बचा था.

भाजपा ने प्रियंका को सुनाई खरी-खोटी

अब एक बार फिर ऐसे लोगों के ज़रिए कांग्रेस अपनी खोई ज़मीन खोजने की जुगत में है. यही वजह है कि प्रियंका के वाराणसी दौरे पर बीजेपी ने तीखा हमला किया.

पंचगंगा घाट वाराणसी के जिस इलाके से जुड़ता है वो मुस्लिम बहुल इलाका है. तो बीजेपी का आरोप है कि जानबूझकर नागरिकता कानून को लेकर कांग्रेस मुस्लिमों को भड़का रही है. और बीएचयू में अचानक एक्टिव हुए वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े नेता उसका साथ दे रहे हैं. दरअसल, पिछले दो लोकसभा चुनावों में वाराणसी में कांग्रेस की जमानत जब्त हो चुकी है. प्रियंका के पॉलिटिकल पर्यटन में एक और तस्वीर भी दिखी. कांग्रेस के भीतर की तस्वीर.

घाट पर कांग्रेसियों में 'वाद-विवाद'

इस बीच कांग्रेस के भीतर की गुटबाज़ी की तस्वीर सामने आ गई. जहां कांग्रेसी नेताओं ने अपने खास लोगों को प्रियंका से संवाद कार्यक्रम के लिए चुना तो दूसरा गुट नाराज हो गया और फिर पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सरेआम ये ऐलान कर दिया कि आज से हम पार्टी छोड़ रहे हैं.

अब ज़रा खेल समझिए, यहां हुआ क्या?

दरअसल, कांग्रेसी नेताओं ने प्रियंका से मिलने के लिए बीएचयू के स्टूडेंट् का नाम लेकर लेफ्ट विंग के छात्र संगठन AISA के कार्यकर्ताओं बुलाया था. ताकि लगे कि ये बीएचयू के सामान्य छात्र हैं. इसमें जानबूझकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को अलग रखा गया था. क्योंकि अगर ये बात मीडिया में आती तो फिर प्रियंका का संवाद शो महज राजनीति शो बनकर रह जाता. इससे वो कांग्रेसी नाराज हो गए जो वास्तव में विरोध प्रदर्शनों में उतरे थे.

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ये खेल बनारस से लेकर दिल्ली के जेएनयू और जामिया तक खेला जा रहा है, BJP प्रियंका से सवाल पूछ रही है कि आखिर क्या वजह है कि वो कोटा नहीं जातीं. हालांकि अपने अल्प काशी प्रवास में प्रियंका ने हर वर्ग को साधने की कोशिश की. वो संत रविदास मंदिर गईं. और वहां के रजिस्टर में लिखा कि वो बहुत पहले से यहां आना चाहती थीं. इसके अलावा प्रियंका वाड्रा ने गंगा में नाव की सवारी भी की. और काशी विश्वनाथ के दर्शन भी किए. फिर दिल्ली के लिए उड़ गईं.

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