लद्दाख: सीमा पर चीन की हेकड़ी निकालने के लिए भारत ने पूरी तैयारी कर ली है. गलवान घाटी के आस पास चीन सेना तो पीछे हट गई है लेकिन पैंगोंग के पास दोनों देशों के बीच अब भी गतिरोध जारी है. चीन के आगे भारत मुस्तैदी से डटा है और चीन के सभी मंसूबों पर पानी फेर रहा है.



COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

तनातनी के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर लद्दाख पहुंचे. इस दौरान वो लद्दाख और जम्मू-कश्मीर की यात्रा करेंगे. उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी हैं.


क्लिक करें- जम्मू कश्मीर: कुलगाम में सुरक्षाबलों ने मार गिराए तीन आतंकी


पहले एक बार रद्द हो चुकी है यात्रा


उल्लेखनीय है कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इससे पहले जुलाई महीने की शुरुआत में भी लेह दौरे के लिए रवाना होने वाले थे लेकिन अचानक उनकी यात्रा रद्द हो गई थी और प्रधानमंत्री मोदी 3 जुलाई को लेह जिले के नीमू इलाके पहुंच गए थे.


गलवान में हुई थी हिंसक झड़प



गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवानों को वीरगति मिली थी. इसके अलावा भारत जांबाज सैनिकों ने चीन के 45 सैनिक मार गिराए थे.  वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच 5 मई को हुए गतिरोध के बाद रक्षा मंत्री की यह पहली लद्दाख यात्रा होगी.