नई दिल्ली: Rambhadracharya Controversial Statement: जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने एक विवादित बयान दिया है. उन्होंने अपने बयान में जातिसूचक शब्द इस्तेमाल किया है. उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर उनकी गिरफ्तारी की मांग तेज हो गई है.   


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क्या बोले जगद्गुरु रामभद्राचार्य?
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने दलितों पर विवादित बयान दिया है. उन्होंने भगवान राम की उपासना न करने वाले लोगों के लिए जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया है. जगद्गुरु रामभद्राचार्य को सुनकर लोगों सोशल मीडिया पर पूछा कि ये किस तरह की संत वाणी है. 


कौन हैं रामभद्राचार्य?
जगद्गुरु रामभद्राचार्य का जन्म साल 1950 में यूपी के जौनपुर में हुआ था. रामभद्राचार्य की आंखे तब चली गई थीं, जब वो 2 महीने के थे. आंखों की रौशनी के बिना भी वो 4 साल की उम्र में कविताएं लिखने लगे थे. 8 साल की उम्र में वो भागवत व रामकथा कहने लगे थे. वो 22 भाषाओं के जानकार हैं और 80 ग्रंथ लिख चुके हैं. भारत सरकार ने उन्हें पद्मविभूषण से भी सम्मानित किया है. रामभद्राचार्य ने चित्रकूट में तुलसी पीठ की स्‍थापना की थी.


राम जन्मभूमि मामले में दी थी गवाही
राम जन्‍मभूमि विवाद में रामभद्राचार्य ने भी गवाही डी थी. कोर्ट ने उनसे भगवान राम के जन्‍मस्‍थान के बारे में शास्‍त्रीय और वैदिक प्रमाण मांगे थे. इस पर रामभद्राचार्य ने अथर्ववेद व ऋग्‍वेद का हवाला दिया था. उन्‍होंने जैमिनीय संहिता का भी उदाहरण दिया था. इसमें बताया गया है कि राम जन्मभूमि की सरयू नदी से दिशा और दूरी का सटीक ब्‍योरा दिया गया है. रामकथा के दौरान रामभद्राचार्य ने एक बार बताया था कि पीठ में शामिल एक मुस्लिम जज ने कहा था कि आप दैवीय शक्ति हैं.


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