बेंगलुरू: सिंधिया गुट के बागी विधायकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपना नेता बताया है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन विधायकों को बंदी बनाया है जो कि सरकार के खिलाफ अपनी भावनाएं जाहिर करना चाहते हैं. हमें किसी ने बंधक नहीं बनाया है, हम अपनी मर्जी से यहां पर रुके हैं. इमरती देवी ने कहा कि अगर सिंधिया जी हमसे कुएं में भी कूदने को कहेंगे तो हम वही करेंगे. 


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सिंधिया जी के साथ धोखा किया गया- गोविंद सिंह राजपूत 


मध्यप्रदेश के पूर्व परिवहन मंत्री और विधायक गोविंद सिंह राजपूत कहते हैं, "बहुत बार हमने मीडिया में सुना कि हम लोग बंधक बनाए गए हैं. लेकिन हम लोग बताना चाहते हैं कि हम लोग बंधक बनाकर नहीं बल्कि स्वेच्छा से आए हैं. 15 साल तक विपक्ष में बैठने के बाद जब हम सरकार में आए तो राहुल गांधी ने दो लोगों के नाम सामने रखे सिंधिया और कमलनाथ. 


उन्होंने कहा कि ये पूरा प्रदेश जानता है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने में सिंधिया जी की बड़ी भूमिका थी. सरकार बनने के बाद सिंधिया जी को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया और कमलनाथ जी मुख्यमंत्री बना दिए गए.


'कमलनाथ ने हमें 15 मिनट तक नहीं सुना'



 


बागी विधायकों ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कभी भी हमें 15 मिनट तक नहीं दिये. हम अपनी समस्याएं लेकर उनके पास जाते थे लेकिन वे कभी मिलते भी नहीं थे.


ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारे नेता



 


कांग्रेस के बागी नेताओं ने कहा कि सिंधिया जी हमारे नेता है और जैसा ले कहेंगे हम वैसा ही करेंगे. हमने अभी भाजपा में शामिल होने पर विचार नहीं किया लेकिन सिंधिया जी का आदेश हम मानेंगे.


कमलनाथ सरकार का बचना मुश्किल


आपको बता दें कि कांग्रेस के 22 बागी विधायक किसी भी कीमत पर कमलनाथ के साथ आना नहीं चाहते हैं. वे लगातार कह रहे हैं कि सिंधिया जैसा कहेंगे वैसा वे करेंगे. ज्योतिरादित्य सिंधिया फिलहाल मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनवाने की कोशिश कर रहे हैं. मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार माने जाने वाले कांग्रेस के 22 विधायकों ने राज्य के राज्यपाल को अपने इस्तीफे भेज दिए थे. 



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