नई दिल्ली: कांग्रेस ने अडानी मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के बयान की पृष्ठभूमि में शनिवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति का जांच का दायरा बहुत सीमित है तथा संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से ही सच सामने आ सकता है.


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राहुल गांधी ने अडानी पर किया बड़ा दावा
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि सच्चाई छिपाई जा रही है, इसलिए रोजाना ध्यान भटकाया जा रहा है. उन्होंने ट्वीट किया, 'सच्चाई छुपाते हैं, इसलिए रोज़ भटकाते हैं! सवाल वही है- अडानी की कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये की बेनामी रकम किसकी है?'


कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, 'उच्चतम न्यायालय की समिति का दायरा बहुत सीमित हैं. यह प्रधानमंत्री और अडानी के बीच के अंतर्निहित रिश्ते को सामने नहीं ला सकती. सिर्फ जेपीसी से ही ‘हम अडानी के हैं कौन’ श्रृंखला के 100 प्रश्नों एवं लगातार उठ रहे नए सवालों के जवाब मिल सकते हैं. 1992 और 2001 में जेपीसी का गठन सही साबित हुआ था.'



अडानी समूह का पवार ने किया बचाव
पवार ने एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में अडानी समूह का बचाव किया है और हिंडनबर्ग रिसर्च को लेकर कहा है कि भारतीय कारोबारी समूह को निशाना बनाया गया है.


रमेश ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, 'राकांपा के अपने विचार हो सकते हैं लेकिन 19 समान विचारधारा वाले विपक्षी दल इस बात को मानते हैं कि प्रधानमंत्री से जुड़ा अडानी ग्रुप का मुद्दा वास्तविक और बहुत गंभीर है. लेकिन राकांपा सहित समान विचारधारा वाले सभी 20 विपक्षी दल एकजुट हैं और संविधान एवं हमारे लोकतंत्र को भाजपा के हमलों से बचाने के लिए संगठित हैं.'


उनका कहना था, 'ये सभी भाजपा के विभाजनकारी और विनाशकारी राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडे को हराने में एक साथ होंगे.'
(इनपुट- भाषा)


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