शाहीन बाग वालों को 'सुप्रीम फटकार', लोगों को परेशान करके प्रदर्शन करना गलत

स्टिस एसके कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने इस मामले में टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि विरोध करना ठीक है, लेकिन उन्होंने सार्वजनिक सड़क पर प्रदर्शन को ठीक नहीं बताया है. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया और सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तारीख तय की है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 10, 2020, 02:45 PM IST
    • सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया है
    • धरना स्थल पर चार महीने के बच्चे की मौत के मामले में दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है
शाहीन बाग वालों को 'सुप्रीम फटकार', लोगों को परेशान करके प्रदर्शन करना गलत

नई दिल्लीः पिछले तकरीबन दो महीने से शाहीन बाग में लगे मजमे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कहने को यह नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहा प्रदर्शन है जिसके खिलाफ याचिका दी गई थी. जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने इस मामले में टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि विरोध करना ठीक है, लेकिन उन्होंने सार्वजनिक सड़क पर प्रदर्शन को ठीक नहीं बताया है. सुप्रीम कोर्ट ने धरना स्थल पर चार महीने के बच्चे की मौत के मामले में दाखिल याचिका पर केंद्र व दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. 

सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तारीख तय
मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया और सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तारीख तय की है. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रदर्शन के लिए सड़क जाम नहीं कर सकते, साथ ही यह भी कहा कि सार्वजनिक स्थल पर अनिश्चितकाल के लिए प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है. इसके पहले हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि हम इस बात को समझते हैं कि वहां समस्या है और हमें देखना होगा कि इसे कैसे सुलझाया जाए.

पीठ ने याचिका दायर करने वालों से कहा था कि वह इस बात पर बहस के लिए तैयार होकर आएं कि यह मामला दोबारा दिल्ली हाईकोर्ट क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए. 

प्रदर्शन के तरीके को माना गलत
हालांकि ताजा सुनवाई में कोर्ट ने भले ही प्रदर्शन के तरीके को गलत माना है, लेकिन सीधे तौर पर प्रदर्शनकारियों को हटाने का आदेश देने से भी इनकार किया है. कोर्ट ने कहा, शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी सड़क बंद नहीं कर सकते हैं और अन्य के लिए असुविधा पैदा नहीं कर सकते हैं. लोगों को विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन उन्हें निर्दिष्ट क्षेत्र में ही प्रदर्शन करना होगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि वह दूसरे पक्ष को सुने बगैर शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को कोई निर्देश नहीं देगा.

इसके अलावा कोर्ट ने  बच्चे की मौत पर भी संज्ञान लिया है. दरअसल शाहीन बाग में धरने के दौरान एक बच्चे की मौत हो गई थी. राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता बालिका ने इस मामले में कोर्ट से अपील की थी कि वह दिशा-निर्देश तय करें. 

शाहीन बाग धरने में बच्चे की मौत पर आज सुनवाई

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