श्रीनगर: दूसरी बार सत्ता में आने के 3 महीने के भीतर ही मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था. तब शिवसेना ने सरकार के इस फैसले का संसद में समर्थन किया था लेकिन अब शिवसेना ने केंद्र से जम्मू कश्मीर को लेकर बड़ी मांग की है.
कश्मीर को जल्द मिले पूर्ण राज्य का दर्जा
शिवसेना कार्यकर्ताओं के एक समूह ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा और विशेष दर्जा बहाल करने की अपनी मांग के समर्थन में शनिवार को यहां विरोध प्रदर्शन किया. जम्मू शहर के बाहरी इलाके में बारी ब्राह्मण इलाके में शिवसेना कार्यकर्ताओं के विरोध का नेतृत्व पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष मनीष साहनी ने किया.
यह प्रदर्शन ऐसे समय किया गया जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दौरा हो रहा है. शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे हमेशा जम्मू कश्मीर से 370 हटाने की मांग करते थे और इस अनुच्छेद का विरोध किया.
राज्य के विशेष दर्जे की बहाली की मांग
साहनी ने संवाददाताओं से कहा कि हमने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा और विशेष दर्जा बहाल करने के लिए दबाव बनाने के लिए यह शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया. विशेष दर्जे से हमारा मतलब सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में स्थानीय युवाओं को आरक्षण से है.
गृहमंत्री का जम्मू कश्मीर का दौरा
उन्होंने कहा कि चूंकि गृह मंत्री अमित शाह जम्मू के दो दिवसीय दौरे पर हैं, इसलिए शिवसेना उन्हें 5 अगस्त, 2019 को संसद में किए गए उनके वादे की याद दिलाना चाहती है, जब केंद्र ने संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त कर दिये थे और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था.
उन्होंने यह सवाल किया कि जम्मू कश्मीर के लोगों को राज्य का दर्जा बहाल होने और एक निर्वाचित सरकार के लिए और कितना इंतजार करना होगा. उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाह दोनों ने लोगों से राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया था. 28 महीने पहले ही बीत चुके हैं लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ है.’’
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