Subhash Chandra Bose: जब टाइपिस्ट से प्यार कर बैठे थे बोस... पढ़ें सुभाष और एमिली की सीक्रेट लव स्टोरी
Subhash Chandra Bose Love Story: सुभाष चंद्र बोस ने एमिली से 26 दिसंबर, 1937 में शादी की. उन्होंने साथ ही वादा भी लिया कि यह शादी गोपनीय रहेगी. एमिली ने इस वादे को निभाया.
नई दिल्ली: Subhash Chandra Bose Love Story: 'माय डार्लिंग, जब वक्त आता है, तो हिमपर्वत भी पिघलने लगता है, ऐसा ही भाव मेरे अंदर है. मैं तुमसे कितना चाहता हूं, ये बताने के लिए खुद को लिखने से रोक नहीं पा रहा हूं. माय डार्लिंग, तुम मेरे हृदय की रानी हो. लेकिन क्या तुम भी मुझसे प्यार करती हो? मैं नहीं जानता कि भविष्य कैसा होगा. हो सकता है पूरी जिंदगी ही जेल में बितानी पड़ जाए. ऐसा भी हो सकता है कि मुझे गोली मार दी जाए या फांसी पर लटका दिया जाए. मुमकिन है कि मैं तुम्हें कभी देख न पाऊं. शायद कभी पत्र नहीं लिख पाऊं. लेकिन भरोसा रखो, तुम हमेशा मेरे दिल में रहोगी. तुम मेरी सोच और मेरे सपनों में रहोगी. हम इस जीवन में नहीं मिले, तो अगले जीवन में मैं तुम्हारे साथ रहूंगा.' 5 मार्च, 1936 को यह पत्र सुभाष चंद्र बोस ने अपनी प्रेमिका एमिली शेंकल को लिखा था. पत्र के अंत में सुभाष ने एमिली से इसे नष्ट करने लिए भी कहा. लेकिन एमिली इस पत्र को सालों तक संभाल कर रखा. आज सुभाष चंद्र बोस की जयंती है.
इलाज के लिए यूरोप गए
यह साल 1932 की बात है. गांधी जी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाया. कांग्रेस के एक नौजवान नेता सुभाष चंद्र बोस ने भी इसमें हिस्सा लिया. वो जेल में बंद थे, फरवरी के महीने में कड़ाके की ठंड के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. अंग्रेजी हुकुमत ने उन्हें इलाज के लिए यूरोप भेज दिया. इलाज का खर्च बोस के परिवार को ही उठाने के लिए कहा. बोस ने ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना को इलाज के लिए मुफीद माना. यहां बड़ी संख्या में भारतीय छात्र पढ़ते थे. बोस इलाज के दौरान इन छात्रों को आजादी की लड़ाई के लिए तैयार करना चाहते हैं.
जब एमिली से मिले सुभाष
साल 1934 में यूरोप के एक पब्लिशर ने उन्हें 'द इंडियन स्ट्रगल' किताब लिखने के लिए कहा. इस काम के लिए बोस को एक सहयोगी की जरूरत पड़ी, जो अंग्रेजी भी जानता हो और टाइपिंग में भी पारंगत हो. बोस के पास उनके दोस्त डॉ. माथुर के रेफरेंस से एक 23 साल की लड़की आई. नाम था एमिली शेंकल. बोस ने एमिली को जॉब दे दी. सुभाष चंद्र बोस के रिश्तेदार सुगत बोस ने 'हिज मैजेस्टी अपोनेंट- सुभाष चंद्र बोस एंड इंडियाज स्ट्रगल अगेंस्ट एंपायर' में लिखा कि पहले सुभाष चंद्र बोस को इससे पहले प्रेम और शादी के कई ऑफर मिले. लेकिन उन्होंने दिलचस्पी नहीं ली. लेकिन एमिली की खूबसूरती ने सुभाष पर जादू-सा कर दिया. प्यार की पहल सुभाष चंद्र बोस की ओर से हुई. दोनों के रिश्ते रोमांटिक हो गए. यह बात एमिली ने लेखक सुगत बोस को बताई.
शादी की, लेकिन गोपनीय रखी
रुद्रांशु मुखर्जी ने अपनी किताब 'नेहरू एंड बोस- पैरलल लाइव्स' में लिखा है कि सुभाष और एमिली पहले से ही जानते थे कि उनका रिश्ता अलग और मुश्किल भरा रहने वाला है. एमिली बोस को 'मिस्टर बोस' लिखा करती थीं. जबकि बोस उन्हें 'मिस शेंकल' या 'पर्ल शेंकल' लिखते थे. 26 दिसंबर, 1937 को एमिली का 27वां जन्मदिन था. दोनों ने इस दिन शादी कर ली. शादी आस्ट्रिया के बादगास्तीन में हुई. एमिली ने इस दिन एक आम भारतीय दुल्हन की तरह मांग में सिंदूर भी भरवाया था. हालांकि, दोनों ने अपनी शादी को गोपनीय रखा. शादी को गोपनीय रखने के पीछे की संभावित वजह का जिक्र करते हुए रुद्रांशु मुखर्जी ने लिखा कि संभव है कि सुभाष एक विदेशी महिला से शादी करने का असर अपने राजनीतिक करियर पर नहीं पड़ने देना चाहते होंगे. इससे उनकी छवि पर असर पड़ता. शादी के दौरान सुभाष की उम्र 41 साल थी.
एमिली ने पूरा किया अपना वादा
29 नवंबर, 1942 को दोनों को एक बेटी हुई. उसका नाम अनीता रखा गया. सुभाष बेटी का जन्म होने के बाद उसे कहने विएना गए. यह उनकी अपनी बेटी और पत्नी से आखिरी मुलाक़ात थी. 1945 में एक प्लेन क्रेश में सुभाष चंद्र बोस की मौत हो गई. लेकिन एमिली 1996 तक जिंदा रहीं और सुभाष से हुई शादी को गोपनीय रखने का वादा निभाती रहीं. बोस देश के लिए शहीद हुए, लेकिन एमिली ने भी प्रेम में शहादत देने में कोई कसर नहीं छोड़ी. न तो एमिली बोस के कीर्तिमानों पर गर्व से ये कह पाईं होंगी कि देखो वो मेरा पति है. न ही बोस के जाने पर वो दूसरों के सामने विलाप कर पाईं होगी. प्रेम बलिदान मांगता है, एमिली ने इस शर्त को बखूबी पूरा किया.
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