नई दिल्ली, Suprem court says on SC ST Quotas: सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की संवैधानिक पीठ ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को लेकर आज यानी कि गुरुवार 1 अगस्त को बड़ा फैसला सुनाया है. 6:1 के बहुमत से संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनते हुए कहा कि "एससी/एसटी कैटेगरी के भीतर ज्यादा पिछड़ों के लिए अलग कोटा दिया जा सकता है".वहीं CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने भी इस बात को माना है कि SC/ST आरक्षण के तहत जातियों को अलग से हिस्सा दिया जा सकता है. बात दें कि 7 जजों की संवैधानिक पीठ ने बहुमत के बाद यह फैसला दिया है.
SC/ST कोटा पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
पंजाब हाईकोर्ट ने साल 2010 में पंजाब में वाल्मीकि और मजहबी सिख जातियों को अनुसूचित जाति आरक्षण का आधा हिस्सा देने के कानून को निरस्त कर दिया था. अब इस फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. बता दें कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में भी बहुत से ऐसी जातियां हैं, जो सबसे ज्यादा पिछड़ी हुई हैं. इन सभी जातियों को सशक्त करने के लिए ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है.
ये सुनाया फैसला
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कोटे की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिस भी किसी जाति को आरक्षण में अलग से हिस्सा दिया जा रहा है, उन सभी जातियों के पिछड़ेपन का सबूत होना चाहिए. कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि सिर्फ किसी जाति की संख्या ज्यादा होने को आधार नहीं बनाया जा सकता, बल्कि शिक्षा और नौकरी में उसके कम प्रतिनिधित्व को आधार बनाया जाना ठीक है.
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