शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को सुप्रीम कोर्ट ने दिखाया आईना, `लोगों को परेशान करने का अधिकार नहीं`
शाहीन बाग प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर की तीखी टिप्पणी. अदालत ने कहा, `प्रदर्शनकारी ऐसे सड़क बंद नहीं कर सकते.` विवाद सुलझाने के लिए वार्ताकार नियुक्त किए गए. 24 फरवरी को होगी अगली सुनवाई.
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA), NRC और NPR के विरोध में शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शनकारी ऐसे रोड बंद नहीं कर सकते, ऐसा हुआ तो शहर जाम हो जाएगा.
शाहीन बाग पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी
1. विरोध का अधिकार, लेकिन रास्ता बंद करना सही नहीं
2. क्या पब्लिक एरिया का इस्तेमाल धरने के लिए क्या जा सकता है
3. ऐसे ही प्रदर्शन हुआ तो कल पूरा शहर ब्लॉक हो जाएगा
4. शाहीन बाग से दूसरे लोग आइडिया लेंगे, यही हमारी चिंता है
5. कोर्ट मानती है, कि इस केस या दूसरे केस में सड़क ब्लॉक नहीं कर सकते
शाहीन बाग प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट में 24 फरवरी को अगली सुनवाई. सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग विवाद सुलझाने के लिए वार्ताकार नियुक्त किया है. विवाद सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े वार्ताकार नियुक्त किए गए हैं.
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प्रदर्शनकारियों ने SC के फैसले पर दी प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हमसे कोई बात करने आता है तो उसका स्वागत है. आपको बता दें, शाहीन बाग में करीब 2 महीने से जारी प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है. आपको समझाते हैं अबतक की सुनवाई में अदालत ने शाहीन बाग पर कौन से 7 प्रहार किये हैं.
शाहीन बाग पर 7 'सुप्रीम प्रहार'
पहला 'प्रहार'
रास्ता रोककर लोगों को परेशान करना ठीक नहीं
दूसरा 'प्रहार'
सार्वजनिक जगहों पर धरना-प्रदर्शन गलत
तीसरा 'प्रहार'
प्रदर्शन के लिए निश्चित जगह होनी चाहिए
चौथा 'प्रहार'
धरना प्रदर्शन अनिश्चित समय के लिए नहीं हो सकता
पांचवां 'प्रहार'
दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को नोटिस
छठवां 'प्रहार'
विवाद सुलझाने के लिए वार्ताकार नियुक्त
सातवां 'प्रहार'
24 फरवरी को होगी मामले की अगली सुनवाई
आपको बता दें, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में 10 फरवरी 2020 को सुनवाई हुई थी जिसमें अदालत ने कहा था कि "कुछ लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें इसका अधिकार है लेकिन प्रदर्शनकारी अनिश्चित काल के लिए सड़क जाम नहीं कर सकते, बेंच वह दूसरे पक्ष (शाहीन बाग) को सुने बगैर कोई निर्देश जारी नहीं कर सकती."
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