Pegasus Spyware: पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट 25 फरवरी को करेगा सुनवाई

पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट कल की जगह अब शुक्रवार यानी 25 फरवरी को करेगा सुनवाई. दरअसल, आज CJI की बेंच से केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कल होने वाली सुनवाई टालने का अनुरोध किया, उनका कहना था कि कल वह किसी अन्य मामले में व्यस्त हैं ऐसे में कल की जगह शुक्रवार को सुनवाई की जाए, सुप्रीम कोर्ट ने सॉलीसीटर जनरल की आग्रह को स्वीकार किया.

Written by - Sumit Kumar | Last Updated : Feb 22, 2022, 11:26 AM IST
  • फोन हैकिंग के आरोपों से जुड़ा है मामला
  • साल 2019 में पहली बार उठा था मामला
Pegasus Spyware: पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट 25 फरवरी को करेगा सुनवाई

नई दिल्ली: पेगासस जासूसी कांड को लेकर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 25 फरवरी को सुनवाई करेगा. मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना की 3 सदस्य बैंच इस मामले की सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट द्वारा ​गठित जांच कमेटी फिलहाल इस मामले की जांच कर रही हैं. पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले 23 को सुनवाई करने वाला था. लेकिन अब शुक्रवार यानी 25 फरवरी को सुनवाई करेगा सुनवाई. दरअसल, आज CJI की बेंच से केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कल होने वाली सुनवाई टालने का अनुरोध किया, उनका कहना था कि कल वह किसी अन्य मामले में व्यस्त हैं ऐसे में कल की जगह शुक्रवार को सुनवाई की जाए, सुप्रीम कोर्ट ने सॉलीसीटर जनरल की आग्रह को स्वीकार किया.

फोन हैकिंग के आरोपों से जुड़ा है मामला

इस मामले की जांच कर रही सुप्रीम कोर्ट की टेक्निकल कमेटी के पास फरवरी के प्रथम सप्ताह तक केवल 2 ही लोगों ने अपने फोन जमा किए थे. जिसके बाद कमेटी ने एक बार फिर पब्लिक नोटिस जारी किया था. नोटिस में कहा गया था कि जिन भी लोगों को लगता है कि उनके फोन पेगासस के जरिए हैक किए गए हैं, वो अपने फोन सॉफ्टवेयर जांच के लिए कमेटी के पास जमा करा दें. 

पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 27 अक्टूबर 2021 को एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस आरवी रवींद्रन को इसका अध्यक्ष बनाया गया था. कमेटी गठित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हर किसी की प्राइवेसी की रक्षा होनी चाहिए।

पहले से चल रही सुनवाई में एडवोकेट मोहनलाल शर्मा ने नए तथ्यों को लेकर 30 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर कि थी..इस याचिका में न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट को आधार बनाया गया. जिसमें भारत सरकार ने 2017 में एक डिफेंस डील के तहत इजराइली स्पाइवेयर पेगासस खरीदा था. याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई थी कि इस डिफेंस डील की जांच की जाए.

साल 2019 में पहली बार उठा था मामला 

देश में इस मामले की चर्चा सबसे पहले 2019 में सामने हुई थी. जब पेगासस के जरिए सैकड़ों पत्रकारों, मानव अधिकार कार्यकर्ताओं और कई राजनेताओं के फोन की जासूसी किए जाने का आरोप लगा था. जुलाई 2021 में एक अन्र्तराष्ट्रीय मीडिया ग्रुप के कंसोर्शियम ने खुलासा किया था कि पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर या स्पाइवेयर का इस्तेमाल भारत समेत दुनिया भर के कई बड़े पत्रकारों-बिजनेसमैन और नेताओं की जासूसी के किया गया.

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