नई दिल्ली: कुरान की 26 आयतों को हटाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा. जस्टिस आरएफ नरीमन की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ सुनवाई करेगी. दरअसल, शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने ये याचिका दायर की हैं.


मूल सिद्धांतों की अवहेलना


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याचिका में कहा गया है कि इन आयतों में इंसानियत के मूल सिद्धांतों की अवहेलना है और धर्म के नाम पर नफरत, घृणा, हत्या, खून खराबा फैलाने वाला हैं इसके साथ ही ये आयतें आतंक को बढ़ावा देने वाली है.


वसीम रिजवी का कहना है कि मदरसों में बच्चों को कुरान की इन आयतों को पढ़ाया जा रहा है, जिससे उनका ज़हन कट्टरपंथ की ओर बढ़ रहा है. याचिका में कहा गया है कि कुरान की इन 26 आयतों में हिंसा की शिक्षा दी गई है और कोई भी ऐसी तालीम जो आतंकवाद को बढ़ावा देती है, उसे रोका जाना चाहिए.


आयतों पर रिजवी का क्या कहना है?


रिजवी का ये भी कहना है कि देशहित में कोर्ट को इन आयतों को हटाने के आदेश देने चाहिए. उन्होंने कहा कि इन आयतों को कुरान में बाद में शामिल किया गया है.


याचिका में बताया गया है कि इतिहास गवाह है कि पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के निधन के बाद पहले खलीफा हजरत अबू बकर ने उन चार लोगों को पैगंबर हजरत मोहम्मद पर नाज़िल अल्लाह पाक के मौखिक संदेशों को किताब की शक्ल में संग्रहित करने को कहा तब तक हजरत के मुख से समय-समय पर निकले संदेशों को लोग पीढ़ी दर पीढ़ी मौखिक तौर पर ही याद करते कराते रहे.


वसीम रिजवी के खिलाफ FIR


पिछले माह उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व प्रेजिडेंट वसीम रिजवी (Waseem Rizvi) के खिलाफ कुरान की 26 आयतें हटाने मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है. मुंबई के डोंगरी पुलिस ने IPC सेक्शन 295 के तहत मामला दर्ज किया किया था. यह मामला रुहेजफर खुशनूद हसन सय्यद नाम के एक इमाम की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया.


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