नई दिल्ली: भारत में रहकर पाकिस्तान की गाने वाले संगठन के उस अलगाववादी नेता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. जो कश्मीर में रहकर खुले तौर पर पाकिस्तान का समर्थन करता है.


सैयद अली शाह गिलानी का इस्तीफा


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हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. गिलानी ने दो पेज लेटर जारी कर अपने इस्तीफे की घोषणा की. उसने इस्तीफे के बारे में ऑडियो मेसेज भी जारी किया.


गिलानी का इस्तीफा, पाकिस्तान को झटका


इस कट्टरपंथी नेता सैयद अली शाह गिलानी के इस्तीफे का सबसे बड़ा असर पाकिस्तान को पड़ने की आशंका है. क्योंकि गिलानी का इस्तीफा पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. कहा जाता है कि कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के पीछे ऐसे अलगाववादी नेताओं ने अहम भूमिका निभाई है.


कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाना चाहता था


आपको बता दें, सैयद अली शाह गिलानी भारत में रहने वाला एक पाकिस्तानपरस्त इस्लामिक अलगाववादी नेता है. जो खुले तौर पर पाकिस्तान का समर्थन करता है. वो कश्मीर के पाकिस्तान में विलय कराने को लेकर भी अपना समर्थन देता रहा है. गिलानी पहले जमात-ए-इस्लामी कश्मीर के एक सदस्य थे, जिसके बाद गिलानी ने तहरीक-ए-हुर्रियत के नाम से अपनी पार्टी की स्थापना कर ली. हुर्रियत कांफ्रेंस के सर्वोच्च पद से गिलानी ने अब इस्तीफा दे दिया है.


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अबतक गिलानी हुर्रियत कांफ्रेंस के सभी दलों के अध्यक्ष पद पर बने हुए थे. जो जम्मू और कश्मीर में अलगाववादी दलों का एक समूह है. गिलानी जम्मू एवं कश्मीर के सोपोर क्षेत्र से विधायक भी रह चुके है. अपनी करतूत को लेकर गिलानी अक्सर सुर्खियां बंटोरते रहे.


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