शिवपाल की BJP से बातचीत के बीच सुरेश खन्ना बोले- `कुछ बड़ा होगा`
सूत्रों के मुताबिक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के रवैये से आहत सपा विधायक व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव भारतीय जनता पार्टी का हाथ थाम सकते हैं. वह बहु अपर्णा यादव की राह चल सकते हैं. बीते दिनों शिवपाल यादव ने दिल्ली में भाजपा आलाकमान से मुलाकात की थी.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में टिकट बटवारे के बाद से ही समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और उनके चाचा व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के बीच मनमुटाव नजर आने लगा था. बीते दिनों सपा विधायकों की बैठक में न बुलाए जाने से नाराज शिवपाल यादव ने सपा-गठबंधन दल की बैठक से भी किनारा कर लिया. अब सपा मुखिया से शिवपाल की नाराजगी के बीच शिवपाल यादव और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की मुलाकात ने सियासी पारा गरम कर दिया है. हालांकि, शिवपाल यादव के खेमे ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया है.
BJP का शिवपाल को प्रस्ताव
सूत्रों के मुताबिक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के रवैये से आहत सपा विधायक व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव भारतीय जनता पार्टी का हाथ थाम सकते हैं. वह बहु अपर्णा यादव की राह चल सकते हैं. बीते दिनों शिवपाल यादव ने दिल्ली में भाजपा आलाकमान से मुलाकात की थी. सूत्रों की मानें तो शिवपाल यादव को भाजपा नेतृत्व ने प्रस्ताव दिया है कि उन्हें राज्यसभा भेजा जाएगा और उनकी सीट जसवंतनगर खाली होने पर उनके बेटे आदित्य यादव को विधानसभा चुनाव लड़ाया जायेगा.
सुरेश खन्ना का बड़ा दावा
भाजपा के वरिष्ठ नेता और योगी सरकार में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने इस बाबत बड़ा बयान दिया है. कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने जी मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये ( शिवपाल यादव) एपिसोड काफी दिनों से चल रहा है, जल्दी ही कुछ बड़ा देखने को मिलेगा. यानी साफ है कि भाजपा की शिवपाल यादव से बातचीत जारी है, राजनीति के लिहाज से सही समय आने पर कोई भी बड़ा ऐलान संभव है.
शिवपाल के करीबियों ने निभाई भूमिका
शिवपाल यादव के भाजपा में जाने के कयास इसलिए भी लगाए जा रहे हैं क्योंकि शारदा प्रताप शुक्ला, शिव कुमार बेरिया, डॉक्टर अशोक बाजपेई, रघुराज शाक्य सहित उनके कई करीबी नेता पहले ही भगवा खेमे में जा चुके हैं. शिवपाल के भगवा झंडे को थामे जाने की अटकलों को इसलिए भी हवा मिल रही है क्योंकि न तो उनकी ओर से और न ही उनकी पार्टी की ओर से इसका खंडन किया गया.
यह भी कहा जा रहा है कि शिवपाल यादव और भाजपा के बीच बातचीत बनी तो BJP शिवपाल यादव को अखिलेश यादव के इस्तीफा देने से रिक्त हुई आजमगढ़ संसदीय सीट के उपचुनाव में भी उतार सकती है और शिवपाल अपनी जसवंतनगर विधानसभा सीट से बेटे आदित्य यादव को उपचुनाव में भाजपा के टिकट से उतार सकते हैं.
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BJP का मिशन 2024
बीजेपी 2022 विधानसभा चुनाव जीतने के बाद ही मिशन 2024 पर लग गई है, यही वजह है कि भाजपा आलाकमान लगातार विपक्षी खेमे के बड़े नेताओं के संपर्क में है और बातचीत लगातार जारी है. बीते दिनों ही सुभासपा प्रमुख OP राजभर और ग्रह मंत्री अमित शाह की मुलाकात की खबर ने तूल पकड़ लिया था.
BJP शिवपाल यादव को बड़े यादव नेता के तौर पर सूबे की राजनीति में पेश करेगी और यादवलैंड यानी इटावा, औरैया, फिरोजाबाद, कन्नौज, फर्रुखाबाद, जालौन इत्यादि जिलों में 2024 लोकसभा चुनाव में इसका बड़ा फायदा मिलेगा. हालांकि तमाम चर्चाओं के बीच आज यानी गुरुवार को प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने कोर कमेटी की बैठक बुलाई है जिसमें शिवपाल यादव पार्टी के तमाम नेताओं से भविष्य की रणनीति पर मंथन कर रहे हैं.
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