छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का आतंक, ग्रामीणों से वसूल रहे रंगदारी

छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर के जंगलों में नक्सलियों का आंतक लोगों को काफी परेशान कर रहा है. अब वे पार्टी फंड के नाम पर ग्रामीणों से रंगदारी वसूलने लगे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने चेतावनी जारी कर दी है कि गांव में रहना है तो महीने में 50 रुपए देने ही होंगे. लोगों ने पुलिस से गांवों के आसपास कैंप लगाने की अर्जी की है.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 7, 2020, 11:50 PM IST
    • मेहनत मजदूरी कर कमाने वालों पर डाल रहे हैं दबाव
    • कोई नहीं दे पाया रंगदारी तो अगले महीने दोगुनी हो जाती है रकम
    • वसूली को धंधा बना लिया है नक्सलियों ने
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का आतंक, ग्रामीणों से वसूल रहे रंगदारी

रायपुर: देश में कई राज्यों में आज भी नक्सलियों का आतंक कम नहीं हो रहा है. झारखंड, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में नक्सलियों द्वारा गांववालों को परेशान करने के लगातार मामले आ रहे हैं. ताजा मामला राज्य के दक्षिण बस्तर जिले का है जहां पर जंगलों में पार्टी फंड के नाम पर नक्सली ग्रामीणों से रंगदारी वसूल रहे हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने गांववालों को फरमान जारी किया है कि अगर उन्हें गांव में रहना है तो महीने दर महीने 50 रुपए देने होंगे. नक्सलियों के इस रंगदारी टैक्स वसूली से परेशान गांववालों ने पुलिस से गांव के आसपास ही कैंप लगा कर सुरक्षा की मांग की है.

मेहनत मजदूरी कर कमाने वालों पर डाल रहे हैं दबाव

गांववालों का मानना है कि नक्सलियों की इस धमकी के बाद वे सहमे हुए हैं. अगर पुलिस गांव के आसपास कैंप लगा कर रहती है तो इससे गांव के ग्रामीणों से नक्सली रंगदारी नहीं वसूल सकते हैं. यह अवैध कारोबार बंद हो सकता है. कैंप लगाने की भनक मिलते ही नक्सलियों ने ग्रामीणों और पुलिस पर इसके खिलाफ दबाव बनाना शुरू कर दिया है. गांववालों ने शिकायत दर्ज कराई कि जंगलों में रहने वाले आदिवासियों के पास उनकी रोजी-रोटी का जरिया मेहनत मजदूरी ही है और नक्सली उनसे भी महीने में 50 रुपए की रंगदारी मांगते हैं. 

कोई नहीं दे पाया रंगदारी तो अगले महीने दोगुनी हो जाती है रकम

इतना ही नहीं शिकायत में यह भी कहा गया कि अगर कोई रंगदारी नहीं दे पाता तो उन्हें अगले महीने दोगुनी राशि चुकानी पड़ती है. नक्सली उन्हें परेशान भी करते हैं. पुलिस को जब शिकायतें मिली तो इलाकों में रेकी बढ़ा दी गई. इससे नक्सलियों को नए कैडर मिल नहीं रहे. उन्होंने इसकी भरपाई करने के लिए गांवों से नए लड़के या लड़कियों को भर्ती करना शुरू कर दिया है. पुलिस को इस बात की जानकारी मिल चुकी है, इसलिए उन्होंने जल्द से जल्द गांव के आसपास कैंप खोलने की योजना बनाई है. 

वसूली को धंधा बना लिया है नक्सलियों ने

ऐसा नहीं है कि नक्सली सिर्फ गांववालों को ही परेशान कर रंगदारी वसूल रहे हैं. उन्होंने इलाके के ठेकेदारों तेंदूपत्ता खरीददारों, बस संचालकों और हाट बाजार के व्यापारियों से भी वसूली के धंधे करने की शुरुआत कर दी है. जिले में सुरक्षा व्यवस्था एक समस्या बनते जा रही है. पुलिस इसके लिए जल्द से जल्द इलाके में कैंप लगाने का प्लान बना रही है.

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