नई दिल्ली: उन्नाव रेप केस की पीड़िता का शव शनिवार शाम को उसके घर पहुंचा. पीड़िता का शव घर पहुंचते ही पूरे गांव का माहौल गमनीन हो गया. पीड़िता को श्रद्धांजलि देने के लिए आसपास के गांवों के लोग का हुजुम उमड़ पड़ा.


वारदात को लेकर अनसुलझे सवाल


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पीड़िता के गांव और उसके आस-पास के लोगों के बीच घटना को लेकर गम, गुस्सा और कुछ अनसुलझे सवाल भी हैं. लड़की के घर में पहले से ही मातम पसरा हुआ था, मौत के बाद पूरा गांव गमगीन है.


परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है हर कोई गांव की बेटी के लिए इंसाफ की मांग कर रहा है. पीड़िता का शव पहुंचने के बाद पूरे इलाके में हालात नाजुक बने हुए हैं. गांव में बड़े पैमाने पर सुरक्षा बल तैनात हैं. कानून व्यवस्था को देखते हुए सीतापुर, हरदोई और लखनऊ से पुलिस फोर्स को उन्नाव बुलाया गया. इसके अलावा दो प्लाटून पीएसी भी गांव में तैनात है.


पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार आज


पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार आज होगा. जिला प्रशासन ने पीड़िता के परिवार को समझा-बुझाकर देर रात को ही अंतिम संस्कार के लिए राजी करने की कोशिशें की. लेकिन पीड़िता के पिता ने साफ कर दिया कि वो रविवार ही बेटी का अंतिम संस्कार करेंगे.



इससे पहले शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मंत्री कमल रानी वरुण और स्वामी प्रसाद मौर्य पीड़िता के घर उन्नाव पहुंचे. लेकिन योगी के इन मंत्रियों को उन्नाव के लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने योगी सरकार के मंत्रियों और सांसदों को काली पट्टियां दिखाईं. पुलिस के साथ भी प्रदर्शनकारियों की धक्कामुक्की हुई.


परिवार को दी गई सुरक्षा


उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने पीड़ित परिवार को 25 लाख का चेक सौंपा. हालांकि पहले पीड़िता के पिता ने सरकारी मदद का चेक लेने से इनकार कर दिया था लेकिन लोगों के समझाने पर परिवान ने चेक ले लिया. इसके साथ ही पुलिस और प्रशासन की ओर से पीड़िता के परिवार को सुरक्षा भी दे दी गई है.


उन्नाव के डीएम देवेंद्र पांडेय ने बताया कि 'परिवार की डिमांड जहां तक थी कि उनके सुरक्षा दी जाए तो निश्चित रुप से उनकी सुरक्षा के सारे इंतजाम यहां राउंड द क्लॉक कर दिए गए है. और साथ-साथ मुख्यमंत्री जी राहत कोष से 25 लाख रुपये की धनराशि पीड़िता के पिता को दी गई है.'


फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला


उधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि यह केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा. उन्नाव पुलिस का दावा है कि वो जल्द से जल्द इस मामले की जांच कर चार्जशीट दाखिल करेगी. मामले में गांव की प्रधान के पति और बेटे को भी आरोपी बनाया गया है.


आपको बता दे कि जमानत पर छूटे दुष्कर्म के आरोपियों ने पीड़ित को गुरुवार तड़के जला दिया था. जलते शरीर के साथ ही एक किमी. तक भागकर उसने लोगों की मदद से पुलिस को आपबीती बताई थी. गुरुवार देर शाम उसे एयरलिफ्ट कर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था. लेकिन शुक्रवार रात को 90 फीसदी तक झुलसी पीड़िता की दर्दनाक मौत हो गई.



योगी सरकार के खिलाफ लोगों में आक्रोश


उन्नाव समेत देश भर में गुस्से का कारण बनी इस घटना के चलते यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर भी निशाना साधा जा रहा है. शनिवार को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लखनऊ से लेकर उन्नाव तक प्रदर्शन किए. तो दिल्ली में राजघाट पर भी इस घटना के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया गया.


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उधर, इस घटना से जुड़े कई चौकाने वाले खुलासे भी हो रहे है. 18 जनवरी 2018 को रायबरेली कोर्ट में पीड़िता और आरोपी शिवम त्रिवेदी ने शादी के एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किया था. अनुबंध में लिखा गया था कि शादी के बाद वो लड़की का पूरा ख्याल रखेगा, उसे खर्चा देगा. उसके भरण-पोषण की जिम्मेदारी शिवम की है. हालांकि पीड़िता और आरोपी दोनों के ही परिवार शादी से इनकार कर रहे है. ऐसे में इस मामले को लेकर कई अनसुलझे सवाल हैं जिनके जवाब अब यूपी पुलिस को खोजने है.


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