लखनऊ: उन्नाव में रेप के बाद जलाई गयी पीड़िता ने शुक्रवार रात 11:40 पर इस दुनिया को अलविदा कह दिया. पीड़िता का इलाज सफदरजंग अस्पताल में चल रहा था. पीड़िता की मौत के बाद राजनीतिक दलों को राजनीति चमकाने में भी शर्म नहीं आ रही है. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यूपी विधानसभा के बाहर धरने पर बैठ गये. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी पीड़िता के परिजनों से मिलने की तैयारी में हैं. सवाल उठता है कि रेप जैसे दर्दनाक और अक्षम्य अपराध पर राजनीतिक रोटियां सेंकना कितना सही है?
धरने पर बैठे अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव विधानसभा के सामने धरने पर बैठ गये. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस दर्दनाक घटना के लिये सीधे- सीधे यूपी सरकार जिम्मेदार है. उन्नाव की घटना बीजेपी सरकार में पहली घटना नहीं है जो बेटियों के साथ हुई. उल्लेखनीय है कि पीड़िता आखिरी समय तक जीने की उम्मीद कर रही थी और आरोपियों को सजा दिलाने के लिये तत्पर थी. बता दें कि अखिलेश यादव की सरकार में भी कई ऐसी वारदातें हुईं लेकिन तब कभी भी उनकी ओर से सक्रिय कार्रवाई नहीं की गयी. यहां तक कि अखिलेश यादव ने आरोपियों को भाजपा का नेता तक बता दिया. पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि ऐसे अपराधों को रोकने के लिए सरकारों को लोगों में कानून का खौफ पैदा करना चाहिए. इस दुख की घड़ी में बसपा पीड़ित परिवार के साथ है.
सीएम योगी ने दिये फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के आदेश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्नाव की घटना पर कहा कि इस मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई होगी. दोषियों को जल्द सजा दिलाई जाएगी. सीएम ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और कहा कि यह घटना दुखद है. सीएम योगी ने कहा है कि सभी आरोपी पकड़े जा चुके हैं, उन्हें जल्द सजा दिलाई जाएगी. सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और परिवार हर तरह की मदद की जा रही है.
शुक्रवार रात पीड़िता ने दम तोड़ा
90% झुलसी उन्नाव की दुष्कर्म पीड़ित ने शुक्रवार रात 11.40 बजे कार्डियक अरेस्ट के बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया. 5 दिसंबर की देर शाम उसे एयरलिफ्ट कर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था. जमानत पर छूटे दुष्कर्म के आरोपियों ने गुरुवार तड़के उसे जलाया दिया था. आरोपियों को कुछ दिन पहले ही जमानत मिली थी. रेप का मामला पिछले साल दिसंबर का है. मार्च में इस मामले में पहली बार प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
पीडि़ता की बहन बोली, अब मैं लड़ूंगी इंसाफ की लड़ाई
पीड़ित से एक साल बड़ी बहन ने कहा कि हमारी बहन हमारा संबल थी. वह छोटी जरूर थी, लेकिन हमारे परिवार के लिए प्रेरणादायक थी. अब हम उसकी मौत के बाद चुप नहीं बैठेंगे. अब हम उसकी लड़ाई लड़ेंगे. जब तक आरोपियों को सजा नहीं मिलती, तब तक मेरी लड़ाई जारी रहेगी. मुझे तो आरोपियों ने पहले ही बदनाम कर दिया है. अब कुछ भी हो जाए, चाहे मुझे भी जला दिया जाए, लेकिन मैं अपनी बहन के हत्यारों को नहीं छोड़ूंगी.
पोस्टमॉर्टम के बाद उन्नाव लाया जा रहा शव
पीड़िता का पोस्टमॉर्टम हो चुका है. अब उसका शव दिल्ली से उन्नाव लाया जा रहा है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक पीडि़ता का अंतिम संस्कार वहीं किया जायेगा.