Shiv Sena MLA Verdict: शिंदे ले गए `उद्धव की सेना`, अब ठाकरे पास बचा है सिर्फ एक ऑप्शन
Shiv Sena MLA Disqualification Case: महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर का फैसला शिंदे गुट के पक्ष में आया है. उन्होंने शिंदे गुट को ही असली शिवसेना बताया है. अब उद्धव ठाकरे इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं.
नई दिल्ली: Shiv Sena MLA Disqualification Case: महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शिवसेना (शिंदे गुट) के पक्ष में फैसला दिया है. उन्होंने शिंदे गुट को ही असली शिवसेना बताया है. बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे की दलील को बेदम बताते हुए खारिज कर दिया है. उद्धव से 'तीर-कमान का निशान पहले ही छीन लिया गया है. ऐसे में स्पीकर का यह फैसला उद्धव के लिए बड़ा झटका साबित हुआ है. फिर भी उद्धव के पास एक आखिरी विकल्प बचा है. उद्धव के करीबी संजय राउत ने कहा है कि वो स्पीकर फैसले के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं उद्धव ठाकरे
विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने सुप्रीम कोर्ट कके फैसले के बाद अपना निर्णय सुनाया है. दरअसल, उद्धव गुट और शिंदे गुट ने एक-दूसरे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दल-बदल कानून का उल्लंघन करने की याचिका दायर की थी. कोर्ट ने इस पर कहा कि शिंदे गुट के 16 विधायक योग्य हैं या अयोग्य, इस पर महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर ही फैसला करेंगे. अब, जब स्पीकर ने फैसला कर दिया तो उद्धव गुट एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकता है. वहां पर विधानसभा के स्पीकर के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की जा सकती है. यही उद्धव गुट के पास इकलौता ऑप्शन बचा है. उद्धव के करीबी संजय राउत ने कहा है कि वो स्पीकर फैसले के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
'उद्धव की दलील में दम नहीं है'
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने फैसले में कहा कि 16 विधायकों की सदस्यता बरकरार रहेगी. स्पीकर ने कहा है कि चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में भी शिंदे गुट ही असली शिवसेना है. मेरा अधिकार क्षेत्र सीमित है. मैं चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के बाहर नहीं जा सकता. उद्धव गुट की दलील खारिज की जाती है, क्योंकि इसमें दम नहीं है. शिंदे गुट ही असली शिवसेना है.
शिवसेना में हुई थी बगावत
गौरतलब है कि 2022 में जून के महीने में शिवसेना के दो फाड़ हो गए थे. एक का नेतृत्व उद्धव ठाकरे कर रहे हैं, जबकि दूसरे का नेतृत्व एकनाथ शिंदे कर रहे हैं. शिंदे ने ब्ग्वात के समय 37 विधायकों का समर्थन पत्र भी जारी किया था. इसके बाद उन्होंने भाजपा के समर्थन से सरकार बना ली थी. लेकिन स्पीकर के फैसले के बाद उद्धव को बड़ा झटका लगा है. उनके पिता बाल ठाकरे ने यह पार्टी खड़ी की थी, जो उद्धव के अधिकार में नहीं रही है.
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