चेन्नई. नदी में नहाने के दौरान तीन दलित महिलाओं पर हमले की वारदात सामने आई है. आरोप है कि ऊंची जाति के दो पुरुषों ने इन दलित महिलाओं को न केवल धमकी दी बल्कि इन्हें पीटा भी. तमिलनाडु के पुदुकोट्टई जिले में यह वारदात हुई है. एक एनजीओ ने आरोपियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है. जिले में जातिगत भेदभाव को लेकर यह ताजा घटना है.


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क्या है यह पूरी घटना
मदुरै स्थित एनजीओ एविडेंस के मुताबिक यह घटना 1 जनवरी को हुई थी और पुलिस ने अभी तक कार्रवाई नहीं की.
एनजीओ के निदेशक काथिर ने एक बयान में कहा कि शक्तिदेवी, देवी और श्रीदेवी कोठनगुडी गांव में नदी में स्नान कर रही थीं, जब अय्यप्पन और मुथुमारन ने उन्हें धमकी दी और उनके साथ मारपीट की.


नहीं हुई कोई कार्रवाई
हालांकि श्रीदेवी ने 3 जनवरी को नागुडी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. निदेशक यह भी दावा किया कि अय्यप्पन की पत्नी पेरुंगट्टू पंचायत की उपाध्यक्ष हैं और जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं.


तीनों पीड़ित दलित महिलाओं ने कार्रवाई की मांग करते हुए तमिलनाडु एससी/एसटी आयोग, राज्य मानवाधिकार आयोग और राज्य महिला आयोग में भी शिकायत दर्ज कराई है.एनजीओ ने कहा कि जिला कलेक्टर कविता रामू और जिला पुलिस अधीक्षक पांडियन को पीड़ितों से मिलना चाहिए और मामले की उचित जांच करनी चाहिए.


भेदभाव की कई घटनाएं
पिछले महीने वेंगैयावयल गांव में एक एससी कॉलोनी में पानी की आपूर्ति करने वाले टैंक में मानव मल पाया गया था. गांव के लोगों ने दलित समुदाय के लोगों को ऊंची जाति के लिए बनाए गए मंदिरों में भी पूजा करने की अनुमति नहीं दी. वेंगैयावयल में डबल टंबलर सिस्टम मौजूद है. दलितों को होटलों में अलग-अलग गिलास में पानी और चाय दी जाती है.

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