नई दिल्लीः उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि विभाग से लंबे समय से गायब और अन्य प्रदेशों में तैनात शिक्षकों को चिह्नित कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी. इसके लिए विभागीय अधिकारियों को ऐसे शिक्षकों को चिह्नित कर सूची तैयार करने के निर्देश दे दिए गए हैं.
इन शिक्षकों से ली जाएगी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति
साथ ही शारीरिक और मानसिक रूप से अक्षम शिक्षकों से भी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन लिए जाएंगे, ताकि उनके स्थान पर नए शिक्षकों की नियुक्ति की जा सके. शिक्षा विभाग में शिक्षकों का संपूर्ण विवरण ऑनलाइन उपलब्ध करने के लिए मानव संपदा पोर्टल तैयार किया जाएगा. इसका संचालन राज्य विद्या समीक्षा केंद्र के अंतर्गत होगा.
शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को दिए निर्देश
विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विद्यालयी शिक्षा निदेशालय में विभागीय अधिकारियों की बैठक ली. इसमें उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि लंबे समय से विभाग से अनुपस्थित और दीर्घकालिक अवकाश पर चल रहे शिक्षकों के साथ ही अन्य प्रदेशों में अपनी सेवाएं दे रहे शिक्षकों को छात्रहित में अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की कार्रवाई करें.
उच्च मापदंडों को करना होगा स्थापितः शिक्षा मंत्री
डॉ. रावत ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षा व्यवस्था को उच्च मापदंडों पर स्थापित करना होगा, इसके लिए विद्या समीक्षा केन्द्र के अंतर्गत मानव संपदा एवं करियर काउंसिलिंग पोर्टल तैयार किए जाएंगे, ताकि छात्र-छात्राओं को करियर काउंसिलिंग संबंधी विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी देने के साथ ही शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कार्मिकों का संपूर्ण विवरण पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्ध हो सके.
आगे की योजनाओं के बारे में भी दी जानकारी
उन्होंने बताया कि पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते हुए मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से शिक्षकों की विद्यालयों में ऑनलाइन तैनाती, वेतन प्रक्रिया, अवकाश स्वीकृति, एरियर, सेवानिवृत्ति देयकों और अनुकंपा के आधार पर मृतक आश्रितों को नियुक्ति सहित अन्य कार्यों का संपादन किया जाएगा. विभाग के अंतर्गत आईटी संबंधी विभिन्न कार्यों के संचालन के लिए एक आईटी सेल का भी गठन किया जाएगा.
इसमें आउटसोर्स के जरिए आईटी एक्सपर्ट्स तैनात किए जाएंगे. जो शिक्षा विभाग को आईटी संबंधी कार्यों में हर तरह का सहयोग प्रदान करेंगे.
विभिन्न मुद्दों पर की गई विस्तृत चर्चा
बैठक में विभाग के अंतर्गत प्रदेशभर में चल रहे निर्माण कार्यों और नए कार्यों की शुरुआत को लेकर कार्यदायी संस्थाओं के साथ विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई. इसमें दो सप्ताह के भीतर क्लस्टर स्कूल और पीएम-श्री स्कूलों की डीपीआर और ड्राइंग तैयार कर प्रस्तुतिकरण देने को कहा गया.
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