नई दिल्ली: सिलक्यारा टनल में पिछले 15 दिनों से फंसे 41 मजदूरों को सकुशल बाहर निकालने के लिए जद्दोजहद जारी है. सुरंग का एक हिस्सा ढहने से फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए 15 दिन बाद सेना ने मोर्चा संभाल लिया है. रविवार को टनल में वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू कर दी गई है. मिली जानकारी के मुताबिक रेस्क्यू टीम और मजदूरों की दूरी लगभग 87 मीटर है. वहीं रेस्क्यू टीम ने 20 मीटर की खुदाई कर ली है और अब 67 मीटर की  ड्रिलिंग बाकी रह गई है. 


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निकाला जा रहा टूटे ऑगर का हिस्सा...
ड्रिलिंग के दौरान ऑगर का हिस्सा लोहे के गार्डर से टकरा गया था. इसके बाद ऑगर का एक हिस्सा टनल के अंदर ही टूट गया था. अब इस टूटे हिस्से को निकालने का काम शुरू कर दिया गया है. टूटे हिस्सों को निकालन के बाद मैन्युअल खुदाई (हाथों से खुदाई) की जाएगी. बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के अधिकारीयों की जानकारी के मुताबिक वर्टिकल ड्रिलिंग में किसी तरह की कोई रूकावट नहीं आई, तो दो दिन के अंदर सभी मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा. 


डाले जा रहे पाइप...
श्रमिकों को बचाने के लिए 700 mm के पाइप मलबे के अंदर डाले जा रहे हैं. इसके अलावा सुरंग में 200 mm का एक और पाइप डाला जा रहा है, जो करीब 65 मीटर अंदर तक पहुंच चुका है. एक अधिकारी ने बताया है कि सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग को अपनाया गया है. ड्रिलिंग से करीब 20 मीटर की खुदाई कर ली गई है और अब लगभग 87 मीटर की दूरी और बाकी है. अगर इस बीच कुछ दिक्कत नहीं आई, तो अगले दो दिनों में सभी मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा. 


रेस्क्यू में मंडराएं खतरे के बादल 
उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन इस बीच मौसम विभाग ने बुरी खबर दी है. वर्टिकल ड्रिलिंग कार्य में खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार उत्तरकाशी के ऊंचाई वाले इलाके गंगोत्री, हर्षिल, यमुनोत्री, खरसाली, राडीटॉप, सांकरी आदि क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले क्षेत्र में बारिश की संभावनाएं जताई गई है. आज मौसम की बात करें तो जनपद में आसमान में सुबह से काले घने बादल छाए हुए हैं और बारिश होने की पूरी संभावनाएं बनी हुई है वही यदि बारिश और बर्फबारी होती है तो सिलक्यारा टनल के ऊपरी क्षेत्र में चल रहे वर्टिकल ड्रिलिंग के कार्य में बाधा आ सकती है. यह क्षेत्र राड़ीटॉप बिल्कुल नजदीक है।जहां पर नवंबर और दिसंबर में अच्छी खासी बर्फबारी होती है यदि मौसम विभाग की भविष्यवाणी सटीक साबित होती है और ऊंचाई वाले क्षेत्र में बर्फबारी और निचले क्षेत्र में बारिश होती है तो सिलक्यारा टनल के ऊपर चल रहे वर्टिकल डीलिंग के कार्य में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है.


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