नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान के खतरनाक पैटन टैंक तबाह करने वाले परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के बेटे अली हसन का शुक्रवार को कानपुर के एक अस्पताल में उपचार में दौरान निधन हो गया. परिवार ने अस्पताल पर आरोप लगाया है कि बेटे का निधन लापरवाही के कारण हुआ है. 


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अब्दुल हमीद के बेटे अली हसन का निधन


अली हसन के परिवार ने आरोप लगाया कि लाला लाजपत राय अस्पताल (हैलट) के अधिकारियों ने अली हसन की कोविड-19 की जांच कराने की जहमत नहीं उठाई. किसी को नहीं पता कि वह कोरोना संक्रमित थे भी या नहीं. हसन के बेटे सलीम ने दावा किया कि उनके पिता की मौत अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण हुई है.


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अस्पताल पर लगाए कई गंभीर आरोप 


अली हसन के बेटे सलीम ने बताया कि पिता पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थें और उन्हें बुधवार को लाला लाजपत राय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि उन्हें भर्ती होने के बाद ऑक्सीजन पर रखा गया लेकिन चार घंटे बाद उनके स्वास्थ्य को स्थिर बताते हुए ऑक्सीजन की सुविधा हटा ली गई. 


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ऑक्सीजन की सुविधा मांगी तो नहीं हुई सुनवाई 


इतना ही नहीं, सलीम ने यह भी आरोप लगाया कि पिता के बिगड़ते स्वास्थ्य को देखते हुए जब अस्पताल के कर्मचारियों से ऑक्सीजन की सुविधा के लिए संपर्क किया गया तो कोई सुनवाई नहीं हुई. साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डॉक्टरों को जब यह बताया गया कि अली हसन परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के पुत्र हैं तो किसी ने कोई तवज्जो नहीं दी.


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