नई दिल्लीः Kanchanjunga Express Accident Today: पश्चिम बंगाल में बड़ा रेल हादसा हुआ है. यहां एक मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को टक्कर मार दी जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई है और करीब 60 अन्य घायल हो गए हैं. वहीं इस हादसे के बाद सवाल उठ रहा है कि क्यों भारतीय रेलवे के 'कवच' सिस्टम ने काम नहीं किया जिसे लेकर दावा किया गया था कि इससे ट्रेनों में सुरक्षा बढ़ेगी.
मानवीय भूल की बात आ रही सामने
रेलवे बोर्ड की सीईओ जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि सुरक्षा हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है. हम रेलवे संचालन सुरक्षित रखन के लिए सब कुछ कर रहे हैं. इस दुर्घटना में मानवीय भूल की बात सामने आ रही है. हमें मानवीय चूक को भी कंट्रोल करना है. इसके लिए कवच सिस्टम है. कवच को मिशन मोड में आगे बढ़ाया जा रहा है. अभी यह डेढ़ हजार किमी पर चल रहा है और इस साल यह 3 हजार किमी को और कवर कर लेगा. अगले साल भी 3 हजार किमी तक इसे और बढ़ाने की योजना है. पूरे भारत में लगाने के लिए इसे धीरे-धीरे बढ़ाने की जरूरत है. क्योंकि हमें जो लोग सामान की आपूर्ति करते हैं उन्हें भी अपना उत्पादन बढ़ाना होगा. हम उन्हें भी उत्पादन बढ़ाने के लिए समझाने की कोशिश कर रहे हैं और उनकी मदद भी कर रहे हैं.
क्यों कवच नहीं आया काम
इसकी वजह यह है कि अभी कवच इस रूट पर नहीं लगा है. क्या कवच सिस्टम पूर्वोत्तर और पश्चिम बंगाल में कहीं भी नहीं है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इसे यहां ले जाने की योजना है. इस साल 3 हजार किमी पर कवच सिस्टम लगेगा, उसमें दिल्ली-हावड़ा रूट भी है. पश्चिम बंगाल के लिए कवच का प्रसार और योजना बनाने की जरूरत है.
क्या है कवच सिस्टम
कवच ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम है. इसे भारतीय रेलवे ने रिसर्च एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन की मदद से विकसित किया गया है. इस पर साल 2012 में काम शुरू हुआ था. इसे फेज वाइज लागू किया जा रहा है. इस सिस्टम का उद्देश्य ट्रेन हादसों को रोकना है और जीरो एक्सिडेंट का लक्ष्य हासिल करना है. कवच सिस्टम में सेंसर शामिल है. यह रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए सूचना देता है. अगर कोई ट्रेन ड्राइवर सिग्नल तोड़ता है तो कवच एक्टिवेट हो जाता है. यह सिस्टम ड्राइवर को अलर्ट करता है. साथ ही ट्रेन के ब्रेक का कंट्रोल भी ले लेता है. ट्रैक पर दूसरी ट्रेन आने पर वह पहली ट्रेन को रोक देता है.
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