नई दिल्लीः What is Waqf Board: केंद्र की मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में वक्फ बोर्ड की संपत्ति से जुड़ा नया कानून लाने जा रही है. दावा किया जा रहा है कि सोमवार 5 अगस्त को केंद्र सरकार देश की लोकसभा में वक्फ बोर्ड की शक्तियों और विशेषाधिकार को सीमित करने के लिए विधेयक पेश कर सकती है. रिपोर्ट्स की मानें, तो वक्फ बोर्ड में चालिस तरह के बदलाव होने पर फैसला हुआ है. लोकसभा में इस बिल के पास होने से पहले ही देश की सियासत गरमा गई है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्या है वक्फ बोर्ड 
कई मुस्लिम संगठन अभी से ही बिल पर अपनी आपत्ति जताने लगे हैं. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने खुलकर वक्फ एक्ट में किसी भी तरह के बदलाव का विरोध किया है. बहरहाल, आइए जानते हैं कि आखिर वक्फ बोर्ड क्या होता है. साथ ही हम यह भी जानेंगे कि आखिरी इसकी स्थापना क्यों हुई और मौजूदा समय में वक्फ बोर्ड के पास क्या-क्या अधिकार हैं. साथ ही वक्फ बोर्ड कितनी संपत्तियों का मालिक है. 


क्यों हुई थी वक्फ बोर्ड की स्थापना
वक्फ अरबी भाषा का शब्द है. इसका सामान्य अर्थ होता है 'अल्लाह के नाम समर्पित वस्तु या धन'. यानी ऐसी संपत्ति जो किसी व्यक्ति विशेष या संस्था विशेष के नाम से नहीं हो, लेकिन मुस्लिम समुदाय से संबंधित हो. वक्फ बोर्ड के अंतर्गत चल और अचल दोनों तरह की संपत्तियां आती हैं. वक्फ बोर्ड के अधीन मस्जिद, मदरसे, कब्रिस्तान, ईदगाह, मजार और नुमाइश की जगहें इत्यादि आती हैं. मूल रूप से वक्फ बोर्ड की स्थापना मुस्लिम समाज की जमीनों पर नियंत्रण रखने के लिए की गई थी. 


साल 1954 में पास हुआ था वक्फ एक्ट 
साल 1954 में जवाहर लाल नेहरू की सरकार में वक्फ एक्ट पास किया गया था. इसके बाद से इसमें कई तरह के बदलाव होते रहे हैं. वक्फ एक्ट को पास करने का मूल मकसद बोर्ड से जुड़े कामकाज को सरल बनाना था. साल 1995 में वक्फ बोर्ड में हुए बदलाव के बाद देश के हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में वक्फ बोर्ड के स्थापना की अनुमति मिल गई. रिपोर्ट्स की मानें, तो वक्फ बोर्ड के अधिकार है कि वह किसी भी संपत्ति की जांच कर सकता है और अगर एक बार बोर्ड संपत्ति पर अपना दावा कर देता है, तो उसे पलटना मुश्किल है. यहां तक की वक्फ बोर्ड के फैसले को सुप्रीम या हाई कोर्ट में भी चुनौती नहीं दी जा सकती है. 


मौजूदा समय में देश में हैं 30 वक्फ बोर्ड 
रिपोर्ट्स की मानें, तो कोई भी मुस्लिम व्यक्ति वक्फ बोर्ड को पैसा, जमीन, मकान या किसी भी तरह के कीमती चीज का दान कर सकता है. इन संपत्तियों को मैनेज करने के लिए देश में स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक वक्फ बॉडीज होती हैं. वक्फ एसेट्स मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया के मुताबिक देश में कुल 30 वक्फ बोर्ड हैं. इनमें से अधिकतर के मुख्यालय देश की राजधानी दिल्ली में है. वक्फ बोर्ड को जो संपत्तियां दान में मिलती हैं, उसका मकसद समाज के गरीब और जरूरतमंदों की मदद करना होता है. 


वक्फ बोर्ड के पास है 8 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो जमीन के मामले में वक्फ बोर्ड रेलवे और कैथोलिक चर्च के बाद तीसरे नंबर पर है. वक्फ बोर्ड के पास कुल 8 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन है. साल 2009 में वक्फ बोर्ड के बाद कुल 4 लाख एकड़ जमीन थी, लेकिन कुछ ही सालों के अंतराल पर यह आंकड़ा दोगुना हो गया है. रिपोर्ट्स की मानें, तो वक्फ के पास मौजूद जमीनों पर ज्यादातर मस्जिद, मदरसा और कब्रगाह हैं. वक्फ बोर्ड के पास मौजूद संपत्तियों का ज्यादातर हिस्सा मुस्लिम शासकों के शासन काल के दौरान मिला. इसके अलावा साल 1947 में भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद भारत से पाकिस्तान जाने वाले अधिकतर मुसलमानों ने अपनी संपत्ति वक्फ बोर्ड के नाम कर दी. 


कितने तरह का होता है वक्फ बोर्ड 
बता दें कि वक्फ बोर्ड दो तरह का होता है. एक शिया वक्फ बोर्ड और दूसरा सुन्नी वक्फ बोर्ड. देश में सबसे ज्यादा संपत्ति वक्फ बोर्ड के पास यूपी में है. यूपी में शिया वक्फ बोर्ड के पास कुल 15 हजार 386 संपत्तियां हैं, तो सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास कुल 2 लाख 10 हजार 239 संपत्तियां हैं. 


वक्फ बोर्ड के पास आमतौर पर दो प्रकार की जमीनें होती हैं. एक वक्फ अलल औलाद और दूसरा वक्फ अलल खैर. वक्फ अलल औलाद ऐसी संपत्ति होती है, जिसे किसी व्यक्ति वे मुस्लिम समुदाय को दान में दी हो. वहीं, वक्फ अलल खैर ऐसी संपत्ति होती है, जिसका मालिक कोई नहीं होता है. वक्फ बोर्ड के अधीन आने वाली इन जमीनों का मैनेजर बोर्ड किसी भी व्यक्ति को बना सकता है. 


ये भी पढ़ेंः Waqf Board: क्या छिन जाएगी वक्फ बोर्ड की जमीन, किन बदलावों के साथ आज संसद में पेश होगा संशोधन बिल?


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.