नई दिल्लीः भारत ने संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर चीन और पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए जम्मू-कश्मीर व लद्दाख को लेकर अपना रुख दोटूक तरीके से रखा. भारत ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अविच्छेद अंक थे, हैं और रहेंगे. किसी भी देश की कितनी भी गलत सूचना, बयानबाजी और प्रचार इससे इनकार नहीं कर सकते हैं.
यूएन में भारत के स्थायी मिशन के काउंसलर हैं माथुर
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के काउंसलर प्रतीक माथुर ने कहा कि आज हम एक बार फिर मिल रहे हैं और इस बात को स्वीकार करते हैं कि इस सभा की वीटो पहल को हासिल किए हुए एक वर्ष हो गया है. भारत की स्थिति वीटो पर सुसंगत और स्पष्ट रही है. यूएनजीए ने साल 2008 में सर्वसम्मति से सहमति जताई थी कि यूएनएससी सुधार के सभी पांच पहलुओं जिनमें वीटों के प्रश्न पर फैसला लेना, किसी एक ग्रुप को अलग से संबोधित न करना शामिल है.
: Mr. @PratikMathur1, Counsellor, delivers India's Statement at the #UNGA Plenary on the "Question of Veto".
Full statement : https://t.co/QAJBVMQMWc pic.twitter.com/hwRuEsw7qP
— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) April 26, 2023
वीटो के इस्तेमाल का अधिकार सिर्फ पांच देशों को
उन्होंने कहा कि वीटो का इस्तेमाल विशेषाधिकार सिर्फ पांच सदस्य राज्यों को निहित किया गया है. यह देशों की संप्रभु समानता की अवधारणा के खिलाफ किया जाता है, सिर्फ द्वितीय विश्व युद्ध की मानसिकता को कायम रखता है.
माथुर ने मूल समस्या को लेकर भी खींचा ध्यान
उन्होंने जोर देकर कहा कि वीटो प्रस्ताव में सर्वसम्मति से इस बात को स्वीकार किया गया था कि एक समूह या पहलू को संबोधित नहीं किया जा सकता है, लेकिन यह दुर्भाग्य है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए एक दृष्टिकोण दिखता है, जिससे मूल समस्या की अनदेखी होती है.
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