Landslide Reasons: इंसानों की इन गलतियों के कारण होता है लैंडस्लाइड, आखिर कैसे टाला जा सकता है संकट?

Why Landslide Causes: केरल में लैंडस्लाइड के कारण कई लोगों की जान गई है. मानसून के दौरान लैंडस्लाइड की घटना बढ़ जाती हैं. इससे जान-माल का नुकसान भी होता है. आइए, जानते हैं कि लैंडस्लाइड के लिए कौनसे मानवीय कारण जिम्मेदार हैं?

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 30, 2024, 12:23 PM IST
  • हर साल होते हैं लैंडस्लाइड
  • मानसून में बढ़ जाती हैं ये घटनाएं
Landslide Reasons: इंसानों की इन गलतियों के कारण होता है लैंडस्लाइड, आखिर कैसे टाला जा सकता है संकट?

नई दिल्ली: Why Landslide Causes: केरल के वायनाड में भीषण लैंडस्लाइड हुआ है. इसमें कई लोगों की मौत की सूचना है. सैंकड़ों लोग दबे हुए हैं, जिन्हें रेस्क्यू करने का ऑपरेशन जारी है. बारिश में मानसून के दौरान उत्तराखंड से लेकर केरल तक से भूस्खलन की खबरें आती हैं. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि लैंडस्लाइड होता क्यों है? इसे रोकने के लिए क्या उपाय किया जा सकता है?

भूस्खलन क्या होता है? (What is Landslide)
जब पहाड़ी क्षेत्रों में जमीन या चट्टान दरकने या खिसकने लगती है और इस कारण से मलबे प्रवाह होता है तो यह भूस्खलन या लैंडस्लाइड कहलाता है. जब मलबा भी एक जगह से खिसकता है तो इसे मडस्लाइड कहते हैं. लेकिन ये भी एक तरह का लैंडस्लाइड ही है. 

पांच तरह के लैंडस्लाइड
विज्ञान के हिसाब से पांच तरह के भूस्खलन होते हैं.
1. जब कोई चट्टान गिरती है
2. जब कोई चट्टान पलटती है
3. जब कोई चट्टान खिसकती है
4. जब कोई चट्टान फैलने लगती है
5. जब कोई चट्टान बहने लगती है

क्यों आता है भूस्खलन, क्या हैं इसकी वजहें?
भूस्खलन के प्राकृतिक कारण तो होते ही हैं. लेकिन मानवीय हस्तक्षेप के कारण भी लैंडस्लाइड हो सकता है.
प्राकृतिक कारण: जब किसी इलाके में हद से अधिक वर्षा हो जाती है, तो भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा बर्फ पिघलने से भी बर्फीले पहाड़ों की चट्टान, खिसक सकती हैं. भूकंप और ज्वालामुखीय गतिविधियां भी भूस्खलन का कारण बन सकती हैं.
मानवीय कारण: पेड़ों की अंधाधुंध कटाई सबसे प्रमुख कारण है. वनों की कटाई से पर्यावरण का संतुलन भी बिगड़ता है. पहाड़ों पर चट्टानों की पकड़ कमजोर होने लगती है. इसके अलावा, मिट्टी भी एक जगह नहीं जमी रह पाती.

भूस्खलन से होने वाली हानि कैसे रोकें?
NDMA (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) ने इसको लेकर कुछ दिशा-निर्देश भी दिए हैं. आइए, जानते हैं...
1. नदी-नालों को साफ रखें, रिसाव के छिद्र खुले रखें.
2. आस-पास की नालियां चेक करते रहें, उनमें कूड़ा-करकट हो तो उन्हें साफ कर दें.
3. भूस्खलन वाले इलाके में अधिक पेड़ लगाएं, ताकि जड़ें मिट्टी को रोक सकें. 
4. भूस्खलन प्रभावित इलाकों से पेड़ तब तक न उखाड़ें, जब तक उन्हें फिर से नहीं लगाए जाने की व्यवस्था न हो. 

 जान-माल को कैसे बचाएं?
जान-माल का नुकसान कम करने के लिए तरह-तरह के उपाय लगाए जा रहे हैं.  गैबियन वॉल या रॉकफॉल बैरियर का इस्तेमाल किया जा रहा है. बद्रीनाथ के करीब नंदप्रयाग में अक्सर लैंडस्लाइड होते हैं. वहां एक मिट्टी का बांध बनाया गया है, इससे जब पहाड़ के ऊपर से मिट्टी आती है तो बांध उसे रोक लेते हैं. इसी तरह चट्टानों को रोकने के लिए भी कई जगह खास तरह के बैरियर लगाए गए हैं.

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