क्या तीसरी लहर सचमुच बच्चों के लिए घातक साबित होगी? लापरवाही बनेगी वजह

लोगों की लापरवाही से कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आ सकती है. ऐसा कहना है महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री की. लेकिन चिंता के बादलों के बीच AIIMS की सीरो सर्वे रिपोर्ट ने बड़ी राहत दी है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 18, 2021, 09:32 PM IST
  • क्या आने वाली है कोरोना की तीसरी लहर?
  • कोरोना के कहर के बावजूद चरम पर लापरवाही
क्या तीसरी लहर सचमुच बच्चों के लिए घातक साबित होगी? लापरवाही बनेगी वजह

नई दिल्ली: देश में दूसरी लहर का असर अब कम होने लगा है. कभी भारत में संक्रमितों की रोजाना संख्या चार लाख के करीब पहुंच गई थी मगर वो अब 60 से 70 हजार के करीब आ चुकी है. लेकिन दूसरी लहर का डर ऐसा है कि हर कोई कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंतिंत है.

बच्चों के लिए कितना घातक कोरोना?

पहली लहर में बुज़ुर्ग और दूसरी लहर में युवा सबसे ज्यादा संक्रमित हुए. ऐसे में अब तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की खबरों ने हर मां बाप को परेशान कर दिया है. माता पिता के मन में दो सबसे बड़े सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या तीसरी लहर सचमुच बच्चों के लिए घातक साबित होगी?

दूसरा सवाल ये कि अगर तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने के ज्यादा आसार हैं तो फिर अस्पताल इसके लिए कितने तैयार हैं? लेकिन चिंता के बादलों के बीच AIIMS की सीरो सर्वे रिपोर्ट ने बड़ी राहत दी है.

क्या चिंता करने की जरूरत नहीं है?

इस रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने कहा है कि जिन इलाकों में संक्रमण दर ज्यादा रहा वहां बच्चों में भी एंटीबॉडी बने हैं. यानी जिन इलाकों में पॉजिटिविटी रेट ज्यादा रहा है उन इलाकों में फिलहाल तीसरी लहर की चिंता करने की जरूरत नहीं है. देश की राजधानी दिल्ली के लिए ये सीरो सर्वे रिपोर्ट कुछ यही बता रही है.

इस रिपोर्ट को एम्स ने WHO के साथ मिलकर तैयार किया है. जिसमें दिल्ली के शहरी और ग्रामीण इलाकों के साथ साथ भुवनेश्वर और गोरखपुर के ग्रामीण और अगरतला के आदिवासी इलाकों में भी सर्वे किया गया है. सर्वे 15 मार्च से 15 जून के बीच किया गया.

कैसे किया गया सर्वे? पढ़िए यहां

सर्वे में कुल 4,509 भागीदारों को शामिल किया गया था. इनमें 2 से 17 साल के 700 बच्चे जबकि 18 से अधिक उम्र के 3 हजार 809 लोगों को शामिल किया गया. दो से 17 साल की उम्र के 55.7% बच्चों में कोरोना की एंटीबाडी मिली. जबकि 18 साल से अधिक उम्र के 63.5%  लोगों में एंटीबाडी मिली. इनमें 76.92 प्रतिशत बच्चों में संक्रमण होने पर कोई लक्षण नहीं था यानि वो asymptomatic रहे.

यानी कोरोना की दूसरी लहर ने बच्चों को भी प्रभावित किया है और ये देखा जा रहा है कि बच्चों में बड़ों के साथ साथ एंटीबॉडी बनी है. ये सर्वे रिपोर्ट निश्चित ही हर माता-पिता के माथे पर बनी चिंता की लकीरों को कम करेगी, लेकिन रिपोर्ट तैयार करने वाले विशेषज्ञों ने इस बात से इंकार नहीं किया है कि अगर वायरस ने खुद को MUTATE किया तो ये IMMUNITY को बायपास करेगा और लोग संक्रमित हो सकते हैं.

महाराष्ट्र के मंत्री ने लोगों चेताया

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (Rajesh Tope) ने शुक्रवार को कहा कि यदि लोगों ने साफ-सफाई कायम रखने और मास्क पहनने जैसे नियमों का पालन नहीं किया तो कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर आने की आशंका है.

मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में कम से कम 5,000 मौतें हुई हैं, जिनके बारे में पता नहीं चल पाया. इनसे संबंधित सारी जानकारी के सत्यापन के बाद संपूर्ण तालिका में इन्हें शामिल किया जाएगा. उन्होंने एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से कहा कि सड़कों पर की भीड़ नहीं बल्कि 'लोगों के मास्क न पहनने और स्वच्छता नियमों का पालन नहीं करने' से तीसरी लहर आने का खतरा है.

उन्होंने कहा, 'कोई भी तीसरी लहर के बारे में सटीक भविष्यवाणी नहीं कर सकता, लेकिन मास्क पहनने और उचित व्यवहार करने से हम इसके आगमन को टाल सकते हैं और इसके प्रभाव को न्यूनतम रखा जा सकता है.'

टोपे ने कहा, 'दूसरी लहर से स्वास्थ्य प्रणालियां बहुत प्रभावित हुईं और लड़खड़ा गईं. राज्य में लगभग 5,000 मौतें होने की आशंका है, जिनके बारे में जानकारी नहीं मिली. इनसे संबंधित सूचना का सत्यापन पूरा होते ही समग्र रिपोर्ट में इन्हें शामिल कर लिया जाएगा.'

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इसीलिए जरूरी है कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करते रहें. कर्फ्यू में मिली छूट का गलत इस्तेमाल ना करें. और जितनी हो सके सवाधानी बरतें.

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