नई दिल्ली: अब तक कोरोना के सामने आए मामलों पर रिसर्च के बाद ये मालूम चला है कि कोविड-19 पुरुषों को आसानी से अपना शिकार बना सकता है. इसके अलावा बुजुर्गों को कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा होशियार रहना होगा. आइए जानते हैं क्या वजह है कि महिलाएं कोरोना वायरल से लड़ने में पुरुषों से ज्यादा सक्षम हैं.


कौन सी आदत पड़ी पुरुषों की जान पर भारी?


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भारत ने पहली बार कोरोना वायरस की माइक्रोस्कोपिक तस्वीर जारी की है, जिसमें कोरोना वायरस को देखा जा सकता है. दुनिया भर में इसी वायरस के कारण मौत का आंकड़ा रोजाना बढ़ता जा रहा है.



देश के वैज्ञानिकों ने इटली, चीन, फ्रांस, जर्मनी, ईरान और साउथ कोरिया के 88 हजार संक्रमित मरीजों पर रिसर्च के बाद बड़ा खुलासा किया है. जिसके मुताबिक पुरुषों के कोरोना वाय़रस से संक्रमित होने का खतरा महिलाओं के मुकाबले कहीं ज्यादा है. रिसर्च के मुताबिक कोरोना के कारण महिलाओं की अपेक्षा पुरूषों की ज्यादा मौत हुई है. जिन 88 हजार संक्रमित मरीजों पर रिसर्च किया गया उनमें से 2 दशमलव 8 फीसदी पुरुषों ने कोरोना के कारण दम तोड़ा. जबकि 1 दशमलव 7 फीसदी महिलाओं और 0.2 फीसदी बच्चों की मौत हुई है.


रिसर्च करने वाले चाइनीज सेंटर्स ऑफ डिजीज कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक 


कोरोना का खतरा महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में ज्यादा


इटली में कुल संक्रमितों में से 60 फीसदी संख्या पुरुषों की है. इटली में कोरोना के कारण जितने लोगों की जान गई उनमें 70 फीसदी से ज्यादा पुरुष थे. साउथ कोरिया में संक्रमण से 54 फीसदी पुरुषों की मौत हुई. वहीं चीन में कोरोना पॉजिटिव पाए गए 68 फीसदी पुरुष हैं. जबकि ईरान में संक्रमित मरीजों में 64 फीसदी पुरुष हैं.


कुल मिलाकर ये रिसर्च कहती है कि कोरोना वाय़रस सबसे ज्यादा पुरुषों पर अटैक करता है. हालांकि वैज्ञानिक प्रमाण अभी इसकी पुष्टि नहीं करते.


पुरुषों को कोरोना से ज्यादा खतरा 


आखिर क्यों कोरोना महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को आसानी से अपना शिकार बना लेता है.


कोरोना वायरस से पुरुषों को ज्यादा खतरा क्यों ? 


जिन पुरुषों में धूम्रपान करने की आदत होती है, उनके फेफड़े कमजोर होते हैं. कोरोना वायरस फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है.


ऐसे पुरुष जो स्मोकिंग करते हैं, उनमें संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी स्मोकिंग करने वालों को कोरोना संक्रमण को लेकर आगाह किया है.


करोगे धूम्रपान, कोरोना ले सकता है जान !


डब्ल्यूएचओ का कहना है कि धूम्रपान करने वालों के फेफड़े पहले ही बीमार होते हैं या उनकी क्षमता घट चुकी होती है. ऐसे में स्मोकिंग करने पर बीमारी का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है. सिगरेट पीने के दौरान हाथ होठ के सम्पर्क में आते हैं, इस दौरान कोरोनावायरस का संक्रमण हो सकता है.


कोरोना से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को है. इसीलिए कोरोना फैलने के बाद सबसे ज्यादा बुजुर्गों को सतर्क रहने के लिए कहा जा रहा है. अब तक कोरोना से दुनिया भर में हुई मौतों में ज्यादातर बुजुर्ग ही शामिल हैं. इटली में भी बुजुर्गों की आबादी ज्यादा है इसलिए वहां मौत का आंकड़ा भी सबसे ज्यादा है. बुजुर्गों में कोरोना का संक्रमण तेजी से होता है क्योंकि


कोरोना से बुजुर्ग रहें सावधान


बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है. बुढ़ापे में बीमारियां होने से संक्रमण का खतरा और भी ज्यादा होता है. अब तक के आंकड़ों में सामने आया है कि डायबिटीज़ और ब्लड प्रेशर के मरीजों की कोरोना से ज्यादा मौत हो रही है.


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इसलिए बुजुर्ग सेहत का विशेष ख्याल रखें, भीड़ में बाहर निकलने से परहेज करें और अपनी दवाएं नियमित रूप से लेते रहे हैं.


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