डूंगरपूर: हर साल की तरह इस साल भी राजस्थान के डूंगरपूर जिले की समृद्ध नैसर्गिक संपदा से देश-प्रदेश को रूबरू कराया जा रहा है. इस उद्देश्य से जिला प्रशासन, वन विभाग और डूंगरपुर बर्ड संस्थान की ओर से आठवें डूंगरपुर 'बर्ड फेयर' का आयोजन किया गया.
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पक्षियों की 30 से अधिक प्रजातियों को देखा गया
बर्ड फेयर के तहत रणसागर तालाब में बर्ड वॉचिंग के दौरान प्रवासी पक्षियों की 30 से अधिक प्रजातियों को देखा. पक्षी विशेषज्ञ सुरेश पालीवाल ने बताया कि बर्ड्स को लेकर डूंगरपुर जिले में काफी संभावनाए हैं. उन्होंने डूंगरपुर जिले की तुलना भरतपुर के घना पक्षी अभ्यारण से करते हुए बताया कि डूंगरपुर की आबोहवा की अनूकूलता और प्रदूषण शिकार नहीं होने से खतरे के निकट घोषित पक्षियों की कई प्रजातियां यहां बड़ी संख्या में देखी जा रही हैं, जो की पक्षी प्रेमियों के लिए खुशी की बात है.
छात्रों ने उठाया लुत्फ
दरअसल, डूंगरपुर जिले में पक्षियों के संरक्षण और स्कूली बच्चों को पक्षी जगत के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से खेड़ा पंचायत के रणसागर तालाब पर आठवें डूंगरपुर बर्ड फेयर का आयोजन किया गया. बर्ड फेयर में सरकारी और निजी विद्यालयों के 1 हजार के करीब विद्यार्थियों और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए बर्डवॉचर्स और आमजनों ने बर्ड वॉचिंग का लुत्फ उठाया. प्रशासन द्वारा लगाए गए स्पॉटिंग स्कोप की सहायता से तालाब में जलक्रीड़ा करने वाले पक्षियों को देखा. इस दौरान प्रदेश की विभिन्न क्षेत्रों से आए एक्सपर्ट्स ने बच्चों को बर्डवॉचिंग करवाते हुए उनकी जिज्ञासा को शांत किया. इधर इस मौके पर विद्यार्थियों के लिए पक्षियों पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई गई.
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पक्षियों के संरक्षण को लेकर दिया मैसेज
इधर डूंगरपुर बर्ड फेयर का आनंद स्थानीय लोग, स्कूली बच्चों और बाहर से आये बर्ड वॉचर्स ने ही नहीं लिया बल्कि पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा, उपवन संरक्षक अनूप, एसीएफ प्रशांत, सहित अन्य जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भी अपने परिवार के साथ पक्षियों के इस रंग-बिरंगे संसार को निहारा. साथ ही पक्षी जगत के संरक्षण का संदेश आमजन को दिया.