हैलो आनंद,
आज की इस स्मार्ट दुनिया में मैं तुम्हें खत के जरिए दिल की वो बातें कहना चाहती हूं जो आज तक मैं तुम्हें कह नहीं पाई. वैसे तुम जानते हो कि मैं तुमसे कभी कुछ नहीं छिपाती हूं. तुम जानते हो हमारे रिश्ते की शुरुआत हमारी दोस्ती से हुई थी लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि हमारी दोस्ती एक इतने प्यारे रिश्ते में बदल जाएगी कि अब मैं जिदंगी का हर पल तुम्हारे साथ जीना चाहती हूं.
वैसे तो तुम्हारे साथ बिताया गया हर पल मेरे लिए खास होता है. लेकिन उनमें से कुछ ऐसे पल हैं जो मेरे लिए बहुत ही खास है. उन्हीं में से एक है हमारे प्यार से भरे रिश्ते की पहली करोल बाग की वह मुलाकात. यह मुलाकात ऐसी थी जिसे मैं जीवनभर नहीं भूल सकतीं. पहली बार दोस्त के रूप में नहीं बल्कि हम एक कपल के रूप में डेट पर गए थे. तुम्हारी वह झिझक, तुम्हारा मेरे से नजरें चुराना और छिप-छिपकर मुझे देखना. हां सबसे मजेदार तो था जब तुम बार-बार मेरी तरफ देखकर मेरी तारीफ करना चाहते थे पर कर नहीं पा रहे थे.
बता दूं कि उसी दिन से मैं तुम्हें अपने जीवन के साथी के रूप में देख रही थी. मैं अपनी पूरी जिंदगी तुम्हारे साथ बिताना चाहती हूं. मैं इस प्यार और रिश्ते को सात -फेरे वाले बंधन में बांधना चाहती हूं.
माना तुम मुझे काफी नामों से पुकारते हो लेकिन जब तुम मेरे नाम को अपने नाम के साथ जोड़ते हो वो नाम मुझे सबसे प्यारा लगता है. मैंने तुमसे मिलने पर इस प्यार के एहसास को जाना और महसूस किया. मुझे पता है कि तुम भी मुझे बहुत प्यार करते हो लेकिन जाहिर नहीं करते.
मुझे तुमसे और तुमसे जोड़ी हर चीज से बेहद प्यार है. तुम्हारा गुस्सा करना और केयर करना मुझे सबसे प्यारा लगता है. मेरे गुस्सा करने पर मुझे मनाना और समझाना तुम्हारी सबसे खास बात है. मैं तुमसे हर रिश्ता जोड़ चुकी हूं दोस्ती, साथी , हमसफर. मुझे लगता है तुम अगर साथ हों तो हम जिदंगी की हर मुश्किल को आसान बना लेगे. जैसे कि तुम पहाड़ों की वादियों के एक पहाड़ी हो तो मैं भी तुम्हारी पहाड़न बनाना चाहतीं हूं. क्या तुम मुझे अपनी पहाड़न बनाना पसंद करोगे? मुझे तुम्हारे जवाब का इंतजार रहेगा.
तुम्हारी
स्नेहा