मुबंई में शुरू की गई लग्जरी सुविधाओं से सजी वीमेन लू

मुबंई में महिलाओं के लिए खास तरह के टॉयलेट की शुरुआत की गई है. जिसमें शौचालयों में साफ-सफाई के अलावा कई प्रकार की सुविधाओं का लुफ्त उठाया जा सकता है. WOLOO में महिलाओं के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले शौचालय सैनिटरी पैड, चाय कॉफी, सिलाई किट, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, सैनिटाइज़र, मधुर संगीत, चॉकलेट आदि उपलब्ध कराए गए हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 2, 2020, 06:41 PM IST
    • महिलाओं के लिए विभिन्न सेवाओं से युक्त शौचालय की शुरुआत
    • मुबंई के ठाणे में खोली गई है WOOLOO
मुबंई में शुरू की गई लग्जरी सुविधाओं से सजी वीमेन लू

मुंबई: मुबंई में खास महिलाओं के लिए कई सारी सुविधाओं से युक्त शौचालयों का निर्माण किया गया है. इन शौचालयों में सफाई और बदबू को लेकर किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न आने की बात कही जा रही है. 

WOLOO में विभिन्न प्रकार की सुविधाएं महिलाओं के लिए उपलब्ध
मुंबई में ऐसा शौचालय यानी WOLOO  खुला है जो ना सिर्फ साफ सफाई के मामले में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का है बल्कि वहां महिलाओं के लिए तमाम सुविधाएं उपलब्ध है. जिसमें महिलाएं अपना मेकअप भी कर सकती हैं और चाय, कॉफी व म्यूजिक का भी मजा ले सकती हैं. साथ ही इस लू में महिलाओं के लिेए सैनिटरी पैड भी उपलब्ध है. ये लू पश्चिमी देशों की तर्ज पर खोला गया है जहां इसे पाउडर रूम कहा जाता है. इसका निर्माण वर्ल्ड टॉइलेट दिवस के अवसर पर ठाणे रेलवे स्टेशन (पश्चिम) के पास  19 नवंबर 2019 को महिलाओं के लिए देश के पहले पाउडर रूम का उद्घाटन किया गया था.  WOLOO (वीमेन लू) महिलाओं द्वारा महिलाओं के लिए शुरू किया गया है. 

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बता दें कि मुंबई में आबादी के मुकाबले शौचालयों की संख्या वैसे भी कम है और अगर बात महिलाओं की हों तो जो है वो भी गंदे और बदबूदार हैं जिससे महिलाओं को कई प्रकार के इनफेक्शन और शारीरिक कष्ट उठाना पड़ता है.  मुंबई में लगभग 80 लाख लोग प्रतिदिन ट्रेन से यात्रा करते हैं जिनमें 41% महिला यात्री हैं. ऐसी महिलाओं के लिए साफ सुथरे शौचालय उपलब्ध नहीं हैं जिसके तहत वीमेन लू की शुरुआत की गई है.

वीमेन लू को शुरू करने के पीछे की पहल
WOLOO  लूम एंड वीवर रिटेल प्राइवेट लिमिटेड का प्रोजेक्ट है जिसे मनीष केलशीकर संस्थापक हैं और शिवकला मुदलियार इस पहल की सह-संस्थापक हैं. सह-संस्थापक शिवकला मुदलियार का कहना है कि पाउडर रूम पश्चिमी देशों में रानियो के जमाने से चलती आयी प्रथा है और हम बिना 'बदबू' के एक स्वच्छता सुविधा लाना चाहते थे. जब आप शौचालय या वॉशरूम के बारे में बात करते हैं तो बदबू और अस्वच्छ वातावरण की धारणा होती है जो आपके दिमाग में आती है और हम ऐसा नहीं चाहते थे.

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महिलाओं के लिए इस तरह के कदम उठाए जाने के लिए लोग इनकी सराहना कर रहे हैं.

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