दमोह (मप्र). मध्यप्रदेश भाजपा नेताओं की कसमसाहट समझी जा सकती है. एक साल से उन्हें ऐसा लग रहा है कि अचानक कोई चमत्कार हो जायेगा और प्रदेश में भाजपा सरकार फिर सत्तानशीन हो जायेगी. लेकिन ऐसा हो न पाया. कम से पिछले एक साल से तो नहीं. दूसरी ओर कामयाबी का जश्न मना रही है प्रदेश की कमलनाथ सरकार जिसने अपने सफल कार्यकाल का पहला वर्ष पूर्ण कर लिया है.



कमलनाथ सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश  


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मध्य्प्रदेश में कांग्रेस सरकार के साल पूरा हुआ तो प्रदेश कांग्रेस का उत्सव शुरू हुआ. सरकार ने विजन रिपोर्ट पेश करने की दलील दी तो सरकार के मंत्री मुख्यम्नत्री के कार्यकाल निर्णयों और कामो का जिक्र करने लगे. लेकिन इस बीच विपक्षी भाजपा भी शांत नहीं है बल्कि भाजपाई तो सरकार को कटघरे में खड़ा करने की पूरी कोशिश में लगे दिखते है.


कमलनाथ सरकार की स्थिरता पर सवाल


एक बार फिर भाजपा ने राज्य सरकार की स्थिरता पर सवाल खड़े किये है.  दमोह में प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता जयंत मलैया ने कमलनाथ सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने चुनौती दी कि देखते हैं सरकार कब तक चलती है.  मतलब साफ़ है की साल भर पूरा होने के बाद भी भाजपा कमलनाथ को कुर्सी से बेदखल करने का मन बनाये बैठी है. 



प्रदेश भाजपा नेता की चुनौती 


भाजपा नेता जयंत मलैया ने कमलनाथ सरकार को अपना कार्यकाल पूरा करने की चुनौती दी है. ये पहला अवसर नहीं है जब भाजपा के किसी जिम्मेदार नेता ने इस तरह का बयान दिया है बल्कि इससे पहले नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव सहित और भी कई वरिष्ठ नेता सरकार की स्थिरता पर सवाल खड़े कर चुके है और बयान तो यहाँ तक आये की जल्दी ही शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे. 


मलैया का कमलनाथ सरकार पर व्यंग्य 


मलैया ने एक साल के कार्यकाल पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार में आने से पहले कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में जो वंचन किये थे उनमे से एक का भी पूरा ना होना सरकार की विफलता है.  उनके मुताबिक़ सूबे में किसान गरीब और युवा सब परेशान है और ऐसे में सरकार का साल भर का कार्यकाल संतोषजनक नहीं है. 


प्रदेश भाजपा अब भी सरकार गिराने की उम्मीद में 


साल भर बाद भी भाजपा कहीं न कहीं सरकार क गिरा कर खुद सत्ता में काबिज होने के सपने जरूर देख रही है या फिर हो सकता है की कहीं ना कहीं पार्टी अंदरूनी तैयारियों में जुटी हो और आने वाले दिनों में इसका असर देखने को मिले.