नई दिल्लीः कोरोना वायरस से निपटने, संक्रमण से बचने और अधिक से अधिक लोगों सुरक्षित रखने के लिए दुनिया भर में तकनीक का सहारा लिया जा रहा है. दरअसल अभी तक कोरोना की दवाई नहीं खोजी जा सकी है, लेकिन इस पर शोध जारी है.
ऐसे में इलाज के दौरान डॉक्टरों और नर्सों को भी संक्रमण का खतरा हो रहा है. कई डॉक्टर संक्रमित भी पाए गए हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए रोबोट तकनीक पर काम हो रहा है. बल्कि इसकी शुरुआत भी की गई है.
इस अस्पताल में रोबोट रख रहे हैं ख्याल
चेन्नई के गवर्नमेंट स्टेनली मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रोबोट तकनीक देखने को मिल रही है. यहां कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को भोजन और दवाइयां देने के लिए रोबोट तैनात किए गए हैं. ये रोबोट कोरोना से संक्रमितों के पास जाकर उन्हें दवाइयां और भोजन देने का कार्य करेगा, जिससे डॉक्टरों और अन्य लोगों को संक्रमित व्यक्ति तक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
कोरोना वायरस से निपटने के लिए अब रोबोट का भी सहयोग लिया जाएगा. इन रोबोट के जरिए इस संक्रमण पर रोक लगाने की कोशिश की जाएगी, ताकि स्वस्थ व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के संर्पक में ना आए.
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ट्यूनीशिया में रोबोट बचा रहे लॉकडाउन
उत्तरी अफ्रीकन देश ट्यूनीशिया में लॉकडाउन का पालन ठीक से हो सके, इसके लिए सड़कों पर पुलिस की बजाए रोबोट तैनात किए गए हैं. ये रोबोट लगातार पेट्रोलिंग करते रहते हैं और सड़कों पर कोई भी घूमता नजर आए तो उससे कड़ाई से पूछताछ करते हैं. यहीं पर इनका काम खत्म नहीं होता.
रोबोट इस रिपोर्ट को राहगीर के ID के साथ पुलिस कंट्रोल रूम भेजते हैं. कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के ट्यूनीशिया के इसी तरह के कदमों के कारण इस देश में अब तक संक्रमण 553 तक ही पहुंचा है, जबकि बहुत से देश इससे काफी प्रभावित देखे जा रहे हैं.
यूपी-श्रीनगर में लगाई गई सैनिटाइजिंग टनल
दो दिन पहले यूपी और कश्मीर में सैनिटाइजिंग टनल लगाई है. इसमें से गुजरते हुए 20 से 30 सेकेंड में हर व्यक्ति को सैनिटाइज किया जा सकता है. आने-जाने वाले लोगों को अधिक से अधिक और ठीक से सैनिटाइज होना सुनिश्चित करने के लिए ये टनल लगाई गई है. इसके जरिए संक्रमण को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं.
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