Childhood Obesity: क्या आप अपने बच्चे के मोटापे को लेकर बहुत ज्यादा चिंता में हैं? क्या आपका बच्चा दिनभर फोन या लैपटॉप को लेकर बैठा रहता है और घर के खाने की जगह बाहर का खाना पसंद करता है? अगर ऐसी बात है तो आपको आज से ही सतर्क होने की जरुरत है क्योंकि ये आगे चलकर बीमारियों गढ़ बन सकता है. आइए आपको बताते हैं बच्चों को बढ़ते मोटापे (Childhood Obesity prevention tips) से कैसे बचा सकते हैं.
नई दिल्ली: Childhood Obesity: बदलती लाइफस्टाइल का असर बच्चों के जीवन पर भी काफी गहरा पड़ा है. अब बच्चे ज्यादातार मोबाइल फोन, लैपटॉप, वीडियो गेम्स पर अपना समय देते हैं जो उनकी सेहत को धीरे-धीके खराब कर रहा है. ऐसे में मां-बाप का इस मुद्दे पर ध्यान जाना जरुरी है. मोटापा एक गंभीर बीमारी है, जिसके कारण दूसरी बीमारियां, जैसे डायबिटीज, दिल की बीमारियां, फैटी लिवर आदि का जोखिम बढ़ जाता है. इसलिए आज हम आपको बताएंगे बच्चें को मोटापे से बचाने के लिए किन किन तरीकों से अपना सकते हैं.
टीवी इन दिनों एक ऐसा मुसीबत बन गया है बच्चे खाना खाने से लकेर सोते वक्त भी बस टीवी में घुसे रहते हैं. टीवी से बच्चों का सार ध्यान बट जाता है और उन्हें समझ नहीं आता की खाना कितना खाना है और क्या खाना है. इसलिए खाते समय बच्चों को टी.वी. न देखने दें. इससे वो खाने को आराम से चबा-चबाकर खाएंगे और उन्हें अच्छे से समझ आएगा कि उन्हें कितनी भूख लगी है. इस टैकनीक को माइंडफुल ईटिंग के नाम से जाना जाता है.
बच्चों को खाने में हेल्दी चीजें खिलाना बहुत जरुरी है. ताजी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, दही, दूध, लीन प्रोटीन और ओमेगा-3 जैसे फूड्स आइटम को अपने बच्चे की डाइट में तुरंत ऐड करें. इनसे चीजों से उन्हें जरूरी पोषक तत्व मिलेंगे और वजन नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी. इसके अलावा बच्चों को ज्यादा नमक, चीनी, प्रोसेस्ड फूड्स और जंक फूड को कम से कम खाने दें.
ज्यादा मीठा खाने का असर खराब होता है जिसमें वजन का बढ़ना भी शामिल है. इसलिए बच्चों को मीठी चीजें कम से कम खाने दें. ज्यादा मीठा खाने से उनके दांतों के खराब होने के चांसेज होते हैं. इसलिए उन्हें कम से कम मीठा खाने को दें. हफ्ते में एक या दो बार मीठा खाना ठीक है, लेकिन रोज मीठा खाने से उनकी सेहत को नुकसान पहुंच सकता है.
बच्चों को एक बारे में ज्यादा खाना खिलाने की जगह, थोड़ा-थोड़ा खाना दें. इससे वे जरूरत से ज्यादा खाना नहीं खाएंगे और उनका पाचन भी बेहतर रहेगा. वैसे भी बच्चों को वयस्कों की तुलना में कम जरूरत होती है. इसलिए उन्हें एक बार में कम खाना दें और जरूरत पड़े, तो उन्हें दोबारा खाना दे सकते हैं. इससे खाना बर्बाद भी नहीं होगा और उनका वजन भी कंट्रोल रहेगा.
बच्चों को लेकर आजकल माता-पिता काफी ओवर प्रोटेक्टिव हो गए हैं. हालांकि, ये कुछ हद तक ही ठीक है. बच्चों को घर में विडियो गेम आदि खेलने की जगह बाहर जाकर अपने दोस्तों के साथ खेलने के लिए प्रेरित करें. इससे उनकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों ही बेहतर होगी और शारीरिक एक्टिविटी करने से उनका वजन भी कम होगा. इसलिए रोज उन्हें कुछ देर बाहर खेलने के लिए भेजें.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें लें.