कल्पना चावला भारत की पहली महिला हैं जिन्होंने अंतरिक्ष की यात्री की और देश भर की महिलाओं के लिए एक आदर्श बनीं. कल्पना ने एक बार नहीं बल्कि 2 बार अन्तरिक्ष का भ्रमण किया था. इससे पहले भारत के रहने वाले एकमात्र राकेश शर्मा थे जिन्होंने अन्तरिक्ष का भ्रमण किया था.
कल्पना चावला भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री थीं. कल्पना चावला से पहले राकेश शर्मा एकमात्र इंसान थे जिन्होंने अंतरिक्ष की यात्रा की थीं.
कल्पना ने एकबार नहीं बल्कि 2 बार अंतरिक्ष का भ्रमण किया था.
कल्पना भारत के पहले पायलट जे.आर.डी टाटा से काफी प्रभावित थीं. उन्हीं से प्रेरणा लेकर कल्पना ने अंतरिक्ष यात्रा की ओर रूचि दिखाया.
भारत सरकार ने कल्पना के सम्मान में उनके नाम पर अपने पहले मौसम सेटेलाइट का नाम कप्लना-1 रखा.
कल्पना के घर का नाम 'मोंटो' था लेकिन जब उनका स्कूल में दाखिला किया जा रहा था. तब उनकी मासी ने उन्हें तीन नाम में से एक चुनने को बोला. वो 3 नाम थे कल्पना,ज्योत्स्ना और सुनैना. तब प्राध्यापिका ने छोटी सी चावला से ही उनकी पसंद का नाम पूछा और कल्पना ने अपना नाम कल्पना चुना.
1994 में कल्पना चावला का नासा में चयन हो गया. इसके बाद कल्पना ने 1995 में जॉनसन स्पेस सेंटर में एक एस्ट्रोनॉट प्रतिभागी के तौर पर एस्ट्रोनॉट के 15वें ग्रुप को ज्वॉइन किया.
कल्पना 1997 में STS-87 और 2003 में STS-107 पर 30 दिन,14 घंटे और 54 मिनट के लिए अंतरिक्ष में गयी.
कल्पना का STS-107 मिशन के दौरान 1 फरवरी 2003 को अकस्मात मृत्यु हो गई.
कल्पना का स्पेस शटल कोलम्बिया और क्रू निर्धारित लैंडिंग से 16 मिनट पहले प्रवेश करते हुए विमान में आग लगने की वजह से नष्ट हो गया.
कल्पना ने अमेरिका में पढ़ाई के दौरान वहीं पर शादी अपने फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर जीन पिएरे हैरिसन से शादी कर ली थीं. इस शादी के बाद कल्पना को यूएस की नागरिकता मिल गयी.
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