भूस्खलन में 3 मासूमों के साथ फंसा था बेबस पिता, देवदूत बनकर पहुंचे रेस्क्यू वर्कर्स... रौंगटे खड़े कर देंगी ये तस्वीरें
वायनाड में हुई भीषण लैंडस्लाइड ने पूरे देश को सदमे में डाल रखा है. इस हादसे में अभी तक 300 से ज्यादा लोगों के मारे जाने का खबर सामने आ रही है. इलाके में अभी भी रेस्क्यू की टीम रेस्क्यू अभियान में लगी हुई है.
300 से अधिक लोगों की मौत
Wayanad Landslide Rescue: केरल के वायनाड में हुई लैंडस्लाइड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस हादसे में अभी तक 300 से अधिक लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. वहीं, 200 से ज्यादा लोगों के अभी भी फंसे होने की आशंका जताई जा रही है. रेस्क्यू टीम लगातार फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पुहंचाने में लगी हुई है.
मार्मिक तस्वीर आई सामने
इसी कड़ी में रेस्क्यू की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो गम के पहाड़ के बीच चेहरे पर खुशी और आंसू दोनों लेकर आ रही है. ये तस्वीर सुकून की है, जो नई जिंदगी की आस देती है. दरअसल, केरल वन विभाग के अधिकारियों के 8 घंटे की अथक प्रयास के बाद पहाड़ों पर फंसे 4 आदिवासी बच्चों को रेस्क्यू किया गया.
रेस्क्यू टीम की सीएम पिनाराई विजयन ने की तारीफ
वन विभाग के अधिकारियों के इस जज्बे को देखते हुए केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने कहा, ‘वन अधिकारियों का यह जज्बा हमें याद दिलाता है कि संकट की घोर घड़ी में भी केरल की जीवटता चमकती रहती है. हम एकजुट होकर पुनर्निर्माण करेंगे और मजबूत होकर उभरेंगे.’
तीन बच्चों के साथ फंसा था पिता
बता दें कि केरल के वायनाड में हुए लैंडस्लाइड के बीच पनिया आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाला एक परिवार पहाड़ी की चोटी पर एक गुफा में फंसा हुआ था. इस गुफा के ऊपर एक गहरी खाई है. रेस्क्यू टीम में शामिल वन अधिकारियों की मानें, तो उन्हें पता चला कि पहाड़ी की चोटी पर स्थित उस गुफा में तीन बच्चे और उसके पिता बिना भोजन के फंसे हुए हैं.
चार सदस्यीय टीम ने किया रेस्क्यू
इसके बाद कलपेट्टा रेंज के वन अधिकारी के. हशीस के नेतृत्व में रेस्क्यू की चार सदस्यीय टीम ने फंसे हुए परिवार का सुरक्षित वापस लाने का संकल्प लिया और अपने मिशन पर निकल पड़े. इस दौरान रेस्क्यू टीम को गुफा के पास पहुंचने में करीब-करीब साढ़े चार घंटे से ज्यादा का समय लगा.
भूखे और थके थे बच्चे
रेस्क्यू टीम ने बताया कि जब वे गुफा में पहुंचे तो उन्हें पता चला कि बच्चे भूखे और थके हुए थे. इसके बाद उन्होंने अपने साथ ले जाए गए खाने-पीने के सामान को बच्चों को बीच बांटा और उन्हें खिलाकर रेस्क्यू की.