Pongal के साथ तमिलनाडु में हुई नई साल की शुरुआत

हम कह सकते हैं कि पूरे भारत में पोंगल (pongal festival) मनाया जाता है लेकिन यह हर जगह अलग-अलग नामों से जाना जाता है. कहीं पर मकर संक्रांति तो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पेद्दा पांडुगा, असम में माघ बिहू, कर्नाटक और महाराष्ट्र में मकर संक्रांति वहीं तमिलनाडु में पोंगल कहा जाता है.

 

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हम कह सकते हैं कि पूरे भारत में पोंगल मनाया जाता है लेकिन यह हर जगह अलग-अलग नामों से जाना जाता है. कहीं पर मकर संक्रांति तो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पेद्दा पांडुगा, असम में माघ बिहू, कर्नाटक और महाराष्ट्र में मकर संक्रांति वहीं तमिलनाडु में पोंगल कहा जाता है.  

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पोंगल (pongal 2021) 4 दिन तक सेलिब्रेट किया जाता है, इस वर्ष यह त्योहार 14 जनवरी से लेकर 17 जनवरी तक मनाया जाएगा. तमिलनाडु में लोग इंतजार करते हैं कि कब सूर्यदेव आसमान में दिखें और वे इस दिन को अपना नया साल समझ लें. 

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चार दिनों तक सेलिब्रेट किया जाने वाले इस त्योहार के पहले दिन को भोगी पोंगल (bhogi pongal), दूसरे दिन को थाई पोंगल, तीसरे दिन को मट्टू पोंगल (mattu pongal) और चौथे दिन को कन्नुम पोंगल के तौर पर मनाते हैं.

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पोंगल (pongal festival) के दिन सूर्यदेव की पूजी की जाती है और उनसे फसल के लिए प्रार्थना की जाती है. दक्षिणी भारतीय का यह प्रसिद्ध त्योहार है.

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इस दिन मटकों में धान को दूध में भिगोकर शक्कर के साथ उबाला जाता है. इतना उबालेगी कि जब तक यह उफन कर किनारों पर न आ जाए.