पितृ पक्ष में पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं. जैसे उनकी पसंद का खाना बनाना, श्राद्ध में दान-दक्षिणा करना. ऐसे ही पितरों की प्रसन्नता के लिए उनके नाम का दीया जलाना भी शुभ माना जाता है.
पितरों की आत्मा की शांति के लिए 4 स्थानों पर दीया जलाना बेहद शुभ माना जाता है. पितृ-पक्ष में कुल 15 दिन तक दीया जलाने से पितरों के साथ-साथ माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं. चलिए जानते हैं पितृ-पक्ष में किन जगहों पर दीया जलाना शुभ होता है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा में पितरों का वास होता है. इस दिशा में पितृ-पक्ष के 16 दिनों तक चौमुखी दीया जलाने से पितरों को प्रसन्नता मिलती है. इसके साथ ही पितृ-दोष से भी मुक्ति मिलती है. इस दिशा में दीया जलाने से पूर्वजों को रास्ता उजागर होता है.
पितृ-पक्ष में शाम के समय सरसों के तेल में काले तिल को दीये में डालकर पीपल के नीचे जलाने से पितरों को प्रसन्नता मिलती है. हिंदू-धर्म में पीपल के पेड़ को पूजनीय माना जाता है. इसके साथ ही माता लक्ष्मी भी इससे आप पर कृपा बरसाती हैं.
पितृ-पक्ष में घर की साफ-सफाई करके मुख्य द्वार पर दीया जलाने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है. घर में दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है. इसके साथ ही शाम के समय दीपक जलाने से माता लक्ष्मी का वास होता है.
यदि आप दक्षिण दिशा में पितरों की तस्वीर के सामने दीया जलाते हैं तो इससे आप पर पितरों की कृपा बरसती है. आपके घर में किसी चीज की कमी नहीं रहती है और पितरों के दोष से भी मुक्ति मिलती है.
घर के उत्तर-पूर्व दिशा में गाय के घी का दीया जलाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न रहती हैं. इसके साथ ही किचन में पानी वाली जगह पर दीया जलाने से पितरों का आशीर्वाद बना मिलता है और आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
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