पीएम मोदी ने रविवार को अहमदाबाद में जेन गार्डन, कैजान एकेडमी का उद्घाटन किया. इसके बाद उन्होंने ट्वीट करके इस खूबसूरत गार्डन की तस्वीरें भी शेयर कीं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अहमदाबाद प्रबंधन संघ (AMA) में जापानी जेन गार्डन और कैजान अकादमी का डिजिटली उद्घाटन किया. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि जेन गार्डन और कैजान एकेडमी के लोकार्पण का ये अवसर भारत-जापान के संबंधों की सहजता और आधुनिकता का प्रतीक है. मुझे विश्वास है कि जापानी जेन गार्डन, कैजान एकेडमी की स्थापना भारत-जापान के रिश्तों को और मजबूत करेगी.
भारत और जापान पास सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंधों का मजबूत विश्वास भी है और भविष्य के लिए एक कॉमन विजन भी. इसी आधार पर हम पिछले कई वर्षों से अपनी स्पेशल स्ट्रेटिजिक एंड ग्लोबल पार्टनरशिप को लगातार मजबूत कर रहे हैं. पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस इवेंट में शामिल हुए. पीएम ने तोक्यो ओलंपिक के लिए जापान को शुभकामनाएं भी दीं. जेन गार्डन और काइजेन एकेडमी दोनों का निर्माण अहमदाबाद में हुआ है.
PM मोदी ने इस दौरान कहा कि भारत और जापान जितना बाहरी प्रगति और उन्नति के लिए समर्पित रहे हैं, उतना ही आंतरिक शांति और प्रगति को भी हमने महत्व दिया है. जापानीज जेन गार्डेन, शांति की इसी खोज की, इसी सादगी की एक सुंदर अभिव्यक्ति है. उन्होंने कहा कि जापान में जो ‘जेन’ है, वही भारत में ‘ध्यान’ है. बुद्ध ने यही ध्यान, यही बुद्धत्व संसार को दिया था. जहां तक ‘काईजेन’ की संकल्पना है, ये वर्तमान में हमारे इरादों की मजबूती को निरंतर आगे बढ़ने की हमारी इच्छा शक्ति का प्रतीक है.
एएमए स्थित ‘जेन-कैजान’ का मकसद जापानी आर्ट, संस्कृति, प्राकृतिक छटा और आर्किटेक्चरल के विभिन्न तत्वों को दर्शाना है. एएमए स्थित जापान इन्फॉर्मेशन एंड स्टडी सेंटर और भारत-जापान फ्रेंडशिप एसोसिएशन (IJFA), गुजरात का संयुक्त प्रयास है जिसे जापान के हयोगो इंटरनेशनल एसोसिएशन (HIA) का समर्थन प्राप्त है.
Zen जापानी भाषा में इसका शाब्दिक अर्थ 'ध्यान' माना जाता है. इसकी शुरुआत महर्षि महाकश्यप ने की थी तथा यह बौद्ध धर्म का एक सम्प्रदाय है, जो जापान के सेमुराई वर्ग का धर्म बना. सेमुराई समाज योद्धाओं का समाज है. इसे दुनिया की सर्वाधिक बहादुर कौम माना जाता था. Zen का विकास चीन में लगभग 500 ईस्वी में हुआ. चीन से यह 1200 ईस्वी में जापान में फैला. प्रारंभ में जापान में बौद्ध धर्म का कोई संप्रदाय नहीं था किंतु धीरे-धीरे वह बारह सम्प्रदायों में बंट गया जिसमें जेन भी एक था.