Bengal में `BJP चंबल का डाकू` Vs `Mamata डाकुओं की महारानी`
ममता बनर्जी को इस वक्त सबसे बड़ा खौफ इसी बात का है कि कहीं उनकी कुर्सी चली ना चली जाए. इस बार के चुनाव में BJP बंगाल से दीदी को पूरी तरह से उखाड़ फेंकने की तैयारियों में जुटी हुई है. ममता दीदी इस बीच ओवैसी को `वोट कटवा` बता रही हैं, तो भाजपा को चंबल का डाकू.. लेकिन वो खुद डाकुओं की महारानी हैं, ये किसने कहा? बंगाल की राजनीति का पूरा फॉर्मूला समझिए..
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को एक के बाद एक तगड़े झटके का सामना करना पड़ रहा है. मानों इस बार के चुनाव में TMC की शामत आने वाली है. दीदी की बौखलाहट से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में उनको चौतरफा डर सता रहा है.
बंगाल में आर-पार
ममता बनर्जी: बीजेपी चंबल का डाकू
Vs
देबश्री चौधरी, बीजेपी: ममता डाकुओं की महरानी
ममता बनर्जी: ओवैसी की पार्टी को पैसा दे रही है बीजेपी
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असदुद्दीन ओवैसी: मुस्लिम वोटर ममता की जागीर नहीं
ममता बनर्जी: बंगाल को दंगाग्रस्त गुजरात बनाना चाहती है बीजेपी
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जे पी नड्डा: असहिष्णुता का दूसरा नाम ममता बनर्जी
ममता बनर्जी: बंगाल में भ्रम फैला रही है बीजेपी
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जे पी नड्डा: बंगाल में अराजकता का दौर
ममता बनर्जी: बंगाल में बीजेपी मुकाबले में नहीं
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जे पी नड्डा: 200+ सीटें जीतेगी BJP
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कौन डाकू और कौन डाकुओं की महारानी?
दरअसल, ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने भाजपा की तुलना चोर और डकैत से कर दी थी. दीदी ने कहा था कि "वो कानों में फुसफुसाते हैं कि हम चोर हैं. यहां बीजेपी से बड़ा कोई चोर नहीं है, वो चंबल के डकैत हैं." ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के इस बयान पर भाजपा (BJP) ने तीखा पलटवार किया है. भाजपा नेता देबश्री चौधरी (Debasree Chaudhuri) ने कहा है कि 'ममता बनर्जी डाकुओं की महारानी हैं.'
दीदी के वोटरों में कौन लगा रहा सेंध?
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की जंग सिर्फ भाजपा से ही नहीं बल्कि ओवैसी गैंग से भी है. असदुद्दीन ओवैसी इस बार दीदी के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. ममता की ऐसी की तैसी करने पर भाजपा तो उतारू है ही, अब ओवैसी ने बिहार के बाद बंगाल में सियासत समीकरण बदलने की कोशिशें शुरू कर दी है.
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और असदुद्दीन ओवैसी के बीच जंग छिड़ गई है. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने वोट काटने वाला हथियार करार दे दिया है. जिसके बाद ओवैसी को गुस्सा आ गया और उन्होंने कहा कि मुझे पैसे देकर खरीदने वाला कोई पैदा नहीं हुआ. दरअसल, ममता ने कहा था कि हैदराबाद की पार्टी को पैसे देकर BJP अल्पसंख्यक वोट बंटवा रही है.
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ओवैसी 'वोट कटवा' हैं?
2017 में यूपी विधानसभा में 38 सीटें लड़ीं
एक भी सीट नहीं जीती, मुस्लिम वोट काटे
2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ा
44 सीटों पर चुनाव लड़कर 2 सीटें जीती
2019 में झारखंड में 16 सीटों पर उम्मीदवार
एक भी सीट नहीं जीती, मुस्लिम वोट बांटे
2020 में बिहार चुनाव में 20 कैंडिडेट उतारे
5 सीटें जीतीं, RJD-कांग्रेस के वोट काटे
जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल (West Bengal) में ओवैसी की पार्टी AIMIM 120 सीटों पर लड़ सकती है. जिसे लेकर ही ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और असदुद्दीन ओवैसी में ज़ुबानी जंग तेज हो गई और तकरार की नौबत आई. अब आपको पश्चिम बंगाल (West Bengal) की राजनीति का एक और फार्मूला समझाते हैं. आखिर दीदी क्यों डरी हुई हैं?
ओवैसी से क्यों डरीं ममता?
प. बंगाल की 294 में से 70 सीटें मुस्लिम बहुल
प. बंगाल में मुस्लिम आबादी 2 करोड़ 47 लाख
AIMIM की नज़र 120 विधानसभा सीटों पर
120 सीटों पर करीब 30% मुसलमान आबादी
2011 के बाद से मुस्लिम वोटर TMC की तरफ
ओवैसी के लिये बंगाल आसान?
इन सबके बीच यहां आपका ये भी जानना जरूरी है कि ओवैसी के लिए बंगाल इतना भी आसान नहीं है, जितना वो समझ रहे हैं. दरअसल, 30% मुस्लिम वोटर में से 27% बांग्ला बोलने वाले हैं. यानि पश्चिम बंगाल (West Bengal) में सिर्फ 3% मुस्लिम वोटर ही उर्दू भाषी हैं. AIMIM की नज़र 3% उर्दू भाषी मुस्लिमों पर है. भाषा की दिक्कत से दीदी के वोटरों पर प्रभाव डालना काफी कठिन है. यही वजह है कि TMC भी इस बात का दावा कर रही है कि 3% से बड़ा घाटा नहीं है.
इस बीत ममता सरकार में मंत्री रहे शुवेंदु अधिकारी ने TMC और दीदी से पूरी तरह कन्नी काट लिया है. उन्होंने पहले ममता मंत्रिमंडल से शुवेंदु अधिकारी ने इस्तीफा दिया था और अब विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों की मानें को शुवेंदु अधिकारी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.
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19 दिसंबर से शाह का दौरा
आगामी 19 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल (West Bengal) के दौरे पर हैं. TMC के बागी नेता शुवेंदु अधिकारी ने इस्तीफा दे दिया है, ऐसे में माना जा रहा है कि वो अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा का दामन थाम सकते हैं. बता दें, शुवेंदु अधिकारी पिछले कुछ समय से ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) से नाराज चल रहे थे.
निश्चित तौर पर पश्चिम बंगाल (West Bengal) की लड़ाई दिन पर दिन बड़ी होती जा रही है. 19 दिसंबर से शाह का दौरा है, वहीं ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) भी जोर-शोर से प्रचार में जुटी हैं. बंगाल में ओवैसी भी ताल ठोकने के लिए बेकरार हो रहे हैं. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि इस बार दीदी की सत्ता को भाजपा उखाड़ फेंकने में कामयाब हो पाती है या नहीं..
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