Kangana ranaut के पूरी तरह समर्थन में आए रामदास आठवले
मुंबई में कंगना रनौत पर उद्धव ठाकरे की सरकार के जुल्मों को देखते हुए पूरा देश एकजुट हो रहा है. इसी सिलसिले में केन्द्रीय मंत्री और मशहूर दलित नेता रामदास आठवले ने कंगना रनौत से मुलाकात की.
मुंबई: महाराष्ट्र में राजनीति तेजी से करवट लेने लगी है. अभिनेत्री कंगना रनौत ने उद्धव सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. जिसके बाद उनकी केन्द्र सरकार से नजदीकियां बढ़ती दिख रही हैं. केन्द्रीय मंत्री रामदास आठवले कंगना से मुलाकात करने पहुंचे.
आठवले ने कंगना से किया सुरक्षा का वादा
महाराष्ट्र की राजनीति के फेमस दलित चेहरे और केन्द्र सरकार में मंत्री रामदास आठवले ने कंगना रनौत से मुलाकात के बाद उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि अगर कंगना राजनीति में आना चाहती हैं तो भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया(RPI) उनका स्वागत करेगी. आठवले RPI के अध्यक्ष हैं.
राजनीति में कंगना की फिलहाल रुचि नहीं
गुरुवार देर शाम कंगना के घर पर मुलाकात करने के बाद रामदास आठवले ने कंगना के हवाले से बताया कि 'उनकी राजनीति में रुचि नहीं है लेकिन समाज को एक करने में उन्हें दिलचस्पी है. कंगना अपनी अगली फिल्म में वह दलित की भूमिका निभा रही हैं और साथ ही जाति व्यवस्था के खात्मे के संबंध में उनसे चर्चा हुई.'
तोड़-फोड़ पर दुख जताया
कंगना से मुलाकात के बाद RPI नेता आठवले ने कहा कि 'कंगना रनौत से मिलने के बाद उनको मैंने बताया कि मुंबई में उन्हें डरने की जरूरत नहीं है. मुंबई सबकी है. कंगना के साथ मेरी पार्टी हमेशा रहेगी. कंगना के दफ्तर के अंदर भी तोड़फोड़ की गई. उनके दफ्तर में फर्नीचर और दूसरे सामानों को नुकसान पहुंचाया गया है. जिसकी वजह से कंगना रनौत को भारी नुकसान हुआ है.'
आठवले ने पहले भी किया था कंगना का समर्थन
कंगना रनौत के मुंबई पहुंचने से पहले उन्हें शिवसेना के नेता धमकियां दे रहे थे. शिवसेना के कार्यकर्ता उन्हें हवाई अड्डे पर घेरने की कोशिश भी कर रहे थे. उस समय भी आठवले के समर्थकों ने एयरपोर्ट पहुंचकर कंगना का समर्थन किया था. आठवले का साफ कहना था कि कंगना ने महाराष्ट्र का अपमान नहीं किया बल्कि उद्धव सरकार को आईऩा दिखाया है.
कंगना को गृहमंत्रालय पहले से ही Y श्रेणी की सुरक्षा दे रहा है. अब केन्द्रीय मंत्री रामदास आठवले से मुलाकात के बाद ये साफ हो गया है कि कंगना को डरने की जरुरत नहीं. उनके पीछे केन्द्र सरकार की ताकत खड़ी है.
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