Farmers Protest: कांग्रेस समेत 15 दल करेंगे बजट सत्र में राष्ट्रपति के भाषण का बहिष्कार
किसानों के मुद्दे पर 16 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया है.
नई दिल्ली: बजट सत्र की शुरुआत होने के पहले ही विवाद होना शुरू हो गया है. कांग्रेस समेत 16 दलों ने इस दौरान होने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया है. बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ शुक्रवार को बजट सत्र का आगाज होगा.
किसानों ने प्रति एकजुटता दिखाएंगे विपक्षी दल
कांग्रेस (Congress) समेत देश के 16 विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया है. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने यह जानकारी दी.
विपक्षी (opposition) दलों के नेताओं ने एक बयान जारी कर कहा, ‘किसानों की मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार अहंकारी, अड़ियल और अलोकतांत्रिक बनी हुई है. सरकार की असंवेदनशीलता से स्तब्ध हम विपक्षी दलों ने तीनों कृषि कानूनों (New Farm Laws)को निरस्त करने की मांग दोहराते हुए और किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए यह फैसला किया है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया जाएगा.’
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कौन-कौन से दल हैं शामिल?
बता दें राष्ट्रपति के भाषण का विरोध करने वालें दलों में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस (TMC), शिवसेना (Shiv Sena), सपा, राजद, माकपा, भाकपा, आईयूएमएल, आरएसपी, पीडीपी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस(एम) और एआईयूडीएफ शामिल हैं.
सोनिया ने विपक्षी दलों के नेताओं से की थी बात
संसद सत्र को लेकर कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को विपक्ष के नेताओं के साथ चर्चा की थी. सूत्रों के अनुसार इस बैठक का मकसद कृषि कानूनों और अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर सरकार को घेरने के लिए साझा रणनीति बनाना था. बता दें कि तमाम विपक्षी दल शुरुआत से ही कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं.
गुरुवार को ही केरल (Kerala) में अपने एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, 'सच ये है कि देश के अधिकतर किसान कृषि कानूनों की डिटेल्स नहीं जानते. अगर वो इसके बारे में जान गए तो सारे देश में विरोध प्रदर्शन होने लगेंगे. ऐसे में पूरे देश में आग लग जाएगी.'
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